युवाओं को नशे से दूर रखने को सामाजिक आंदोलन की जरूरत
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: युवाओं के नशे की गिरफ्त में आने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी
जागरण संवाददाता, श्रीनगर गढ़वाल: युवाओं के नशे की गिरफ्त में आने की घटनाओं में बढ़ोत्तरी होने पर चिंता जताते हुए समाजशास्त्रियों ने कहा कि इसके लिए एक समग्र सामाजिक जनांदोलन चलाने की जरूरत है। परिवार ही नहीं, बल्कि सामाजिक ताने-बाने को भी नशा ध्वस्त कर रहा है। गढ़वाल केंद्रीय विवि के समाजशास्त्र और समाजिक कार्य विभाग की ओर से युवाओं में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति विषय पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने यह विचार व्यक्त किए।
गोष्ठी के मुख्य अतिथि और कुमाऊं विवि के समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. डीएस बिष्ट ने कहा कि व्यस्तता के चलते माता-पिता बच्चों को पर्याप्त समय नहीं दे पा रहे हैं। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता और प्रसिद्ध समाजशास्त्री प्रो. जेपी पचौरी ने कहा कि युवाओं में जोखिम लेने की प्रवृत्ति ज्यादा होती है। प्रो. पचौरी ने कहा कि परिवार, सामाजिक संस्थाएं और पुलिस विभाग को मिलकर मामले में संयुक्त रूप से पहल करनी होगी। गढ़वाल केंद्रीय विवि में समाजशास्त्र विभाग की अध्यक्ष प्रो. किरन डंगवाल, डॉ. अर¨वद दरमोड़ा, गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी, डॉ. नवीन प्रकाश नौटियाल, डॉ. मनवीर ¨सह नेगी, डॉ. नरेश मिश्रा, विजेंद्र और अनिरुद्ध दरमोड़ा, कामिनी असवाल, योगेश पांडे, प्रीति छात्र-छात्राओं ने भी विचार व्यक्त किए।