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Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड में आरोपितों की जमानत याचिका दाखिल करने वाले वकील ने जमानत अर्जी ली वापस

Ankita Murder Case अंकिता हत्याकांड में आरोपितों की जमानत याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने जमानत अर्जी वापस ली। नतीजा जमानत याचिका पर आज सुनवाई नहीं हो पाई। हालाकि अभी तक मामले में पुलिस की तरफ से रिपोर्ट भी जमा नहीं करवाई गई है।

By JagranEdited By: Sunil NegiPublished: Wed, 28 Sep 2022 03:37 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 03:37 PM (IST)
Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड में आरोपितों की जमानत याचिका दाखिल करने वाले वकील ने जमानत अर्जी ली वापस
Ankita Murder Case: अंकिता हत्याकांड में आरोपितों की जमानत याचिका दाखिल करने वाले अधिवक्ता ने जमानत अर्जी वापस ली।

जागरण संवाददाता, कोटद्वार। Ankita Murder Case: बहुचर्चित अंकिता हत्याकांड मामले में बुधवार को आरोपितों की जमानत के लिए प्रार्थना पत्र लगाने वाले अधिवक्ता ने प्रार्थना पत्र वापस ले लिया। नतीजा, जमानत को लेकर सुनवाई नहीं हो पाई। जमानत प्रार्थना पत्र लगाने वाले अधिवक्ता जीतेंद्र रावत का कहना है कि जिला विधिक प्राधिकरण की ओर से नामित अधिवक्ता होने के कारण उन्होंने 23 सितंबर को आरोपितों का रिमांड करवाया। उनके जमानत प्रार्थना पत्र भी लगाए। लेकिन, बाद में मामले की गंभीरता को देखते हुए उन्होंने जमानत प्रार्थना पत्र वापस ले लिया।

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रिसार्ट में कार्यरत अंकिता की कर दी थी हत्‍या

बताते चलें कि लक्ष्मणझूला थाना क्षेत्र के अंतर्गत गंगाभोगपुर स्थित एक रिसार्ट में कार्यरत 19-वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई। पुलिस ने उसका शव चीला नहर से बरामद किया। मामले में पुलिस ने रिसार्ट स्वामी पुल्कित आर्या, प्रबंधक सौरभ भाष्कर व सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता को गिरफ्तार कर लिया। तीनों वर्तमान में पौड़ी जेल में 14 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं।

24 सितंबर को तीनों आरोपितों ने अलग-अलग जमानत याचिकाएं दाखिल की थी, जिन पर आज न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) की अदालत में सुनवाई होनी थी। लेकिन, जमानत प्रार्थना पत्र लगाने वाले अधिवक्ता जीतेंद्र रावत ने सुनवाई से पूर्व ही प्रार्थना पत्र वापस ले लिया।

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न्यायालय के बाहर मौजूद था जनसमूह

अंकिता हत्याकांड के आरोपितों को फांसी देने की मांग को लेकर बुधवार को बड़ी तादाद में जनसमूह सिविल कोर्ट परिसर के बाहर नारेबाजी करता नजर आया। आमजन को उम्मीद थी कि पुलिस जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई के दौरान आरोपितों को लेकर न्यायालय में पहुंचेगी। हालांकि, ऐसा नहीं हुआ। भारी जनाक्रोश के चलते पुलिस पौड़ी जेल में बंद आरोपितों को कोटद्वार लेकर नहीं आई।

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