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नैनीताल जिले में टूट रहा है युवाओं के स्‍वरोजार का सपना, आंकड़े कर रहे हैं तस्‍दीक

लाकडाउन में गांव लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने की मंशा से सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) का लक्ष्य 150 से बढ़ाकर 250 कर दिया। नैनीताल जिले में अभी तक महज 59 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 18 Jan 2021 09:15 AM (IST)Updated: Mon, 18 Jan 2021 09:15 AM (IST)
नैनीताल जिले में टूट रहा है युवाओं के स्‍वरोजार का सपना, आंकड़े कर रहे हैं तस्‍दीक
नैनीताल जिले में टूट रहा है युवाओं के स्‍वरोजार का सपना, आंकड़े कर रहे हैं तस्‍दीक

हल्द्वानी, गणेश पांडे : लाकडाउन में गांव लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाने की मंशा से सरकार ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना (एमएसवाई) का लक्ष्य 150 से बढ़ाकर 250 कर दिया। नैनीताल जिले में अभी तक महज 59 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त हुआ है। बैंकों की उदासीनता, नियमों की उलझन और सहयोगी विभागों के असहयोग से 46 प्रतिशत आवेदन लंबित पड़े हैं। लोन के लिए चक्कर काटकर थक चुके कई युवा उद्योग लगाने की इच्छा छोड़ चुके हैं। प्रस्तुत है पड़ताल 

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बोलते आंकड़े 

250 इकाइयां स्थापित करने का लक्ष्य

670 आवेदन उद्योग केंद्र को प्राप्त

610 आवेदन साक्षात्कार के बाद बैंक प्रेषित

147 आवेदकों को बैंक लोन वितरित

34 आवेदन लोन वितरण की प्रक्रिया में 

178 आवेदनों को बैंकों ने निरस्त किया 

251 आवेदन बैंकों में अभी भी लंबित 

(आंकड़े जिला उद्योग केंद्र के मुताबिक)

केस-1 

नियमों में उलझे आवेदन 

ओलखकांडा ब्लाक के 30 वर्षीय भूपाल सिंह नौला तीन साल तक गुरुग्राम की निजी कंपनी में काम करने के बाद मार्च 2020 में गांव लौट आए। पोल्ट्री उद्योग के लिए आठ लाख का प्रोजेक्ट बनाकर उद्योग विभाग को दिया। स्वीकृति के बाद फाइल नैनीताल बैंक में अटकी है। भूपाल ने बताया, जमीन उनके नाम न होने से बैंक ने आवेदन को स्वीकृति नहीं दी है।

केस-2 

बिजली विभाग का नहीं मिला साथ

कोटाबाग के 30 वर्षीय ध्यान सिंह के जनरल स्टोर व चक्की लगाने के पांच लाख के प्रोजेक्ट को अगस्त 2020 में मंजूरी मिली। गांव में बिजली की छोटी लाइन है। ध्यान ने बताया, तीन केवी क्षमता के कनेक्शन के लिए 32 केवी का ट्रांसफार्मर लगाने की जरूरत है। ऊर्जा निगम इसके लिए 41 हजार रुपये मांग रहा है। इस कारण चार माह से प्रोजेक्ट अटका है।

केस-3 

उद्यम का विचार ही छोड़ा

कोटाबाग निवासी 54 वर्षीय हर्ष सिंह के बेटे जीवन व धन सिंह मुंबई में होटल की नौकरी छोड़ लाकडाउन में गांव लौटे। दोनों ने बकरी पालन, पोल्ट्री के लिए ढाई लाख के प्रोजेक्ट बनाकर आवेदन किया। उद्योग केंद्र फाइल बैंक भेजने व बैंक फाइल नहीं पहुंचने की बात कहते रहे। दो माह तक धक्के खाने के बाद दोनों ने उद्यम लगाने का विचार ही छोड़ दिया। 

क्‍या कहते हैं जिम्‍मेदार 

महाप्रबंधक उद्योग विपिन कुमार ने बाताया किएमएसवाई के 95 प्रतिशत आवेदन बैंक जा चुके हैं। 13 प्रवासियों समेत 147 युवाओं को लोन वितरित हो गया है। आवेदन जल्द निस्तारित कराने को बैंकों से संपर्क कर रहे हैं। लीड बैंक के प्रबंधक एमएस जंगपांगी ने बताया कि कई आवेदक अनलाक के बाद दोबारा बाहर लौट गए। इस कारण लंबित आंकड़ा अधिक दिख रहा है। एसएसवाई के तहत लोन बांटने में नैनीताल प्रदेश में तीसरे स्थान पर है।

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