यशपाल आर्य ने बताया कहां से लड़ेंगे चुनाव, कहा-कुछ और लोग भी होंगे पार्टी में शामिल
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने स्पष्ट कर दिया कि वह लगातार तीसरी बार बाजपुर से ही चुनाव मैदान में उतरेंगे। हल्द्वानी आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान आर्य ने कहा कि हल्द्वानी काशीपुर सोमेश्वर से लेकर बागेश्वर तक से लोग चुनाव लडऩे को लेकर चर्चा कर रहे थे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : भाजपा छोड़ कांग्रेस में वापसी करने वाले पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य ने स्पष्ट कर दिया कि वह लगातार तीसरी बार ऊधमसिंह नगर की बाजपुर विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरेंगे। हल्द्वानी आवास पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान आर्य ने कहा कि हल्द्वानी, काशीपुर, सोमेश्वर से लेकर बागेश्वर तक से लोग चुनाव लडऩे को लेकर चर्चा कर रहे थे। लेकिन मेरी कर्मभूमि बाजपुर है, उसके अलावा मैं जाऊंगा कहां। कुछ और लोगों के कांग्रेस में शामिल होने के सवाल पर बोले, थोड़ा इंतजार कीजिए। अभी ढोल नहीं पीटना है, वरना लोग सतर्क हो जाएंगे।
पूर्व कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य के छड़ायल स्थित आवास पर गुरुवार सुबह से कांग्रेस नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का तांता लगने लगा था। ऊधम सिंह नगर जिले के अलग-अलग इलाकों से भी लोग उनके स्वागत को पहुंचे। इस दौरान आर्य ने कहा कि मेरा पूरा राजनीतिक जीवन कांग्रेस में रहा है। छात्र जीवन से पार्टी में शामिल हो गया था। कांग्रेस ने मुझे अपनाकर सम्मान और पहचान दी। जिलाध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष, स्पीकर से लेकर कैबिनेट मंत्री तक का पद दिया।
बाजपुर के लोगों ने मुझे परिवार का हिस्सा मान प्यार दिया है। मैंने भी खुद को मंत्री नहीं, बल्कि सेवादार समझ लोगों की सेवा की है। फिलहाल हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। 18 अक्टूबर को हल्द्वानी के रामलीला मैदान से विजय शंखनाद जनसभा के जरिये अपनी बात रखने के साथ हुंकार भी भरेंगे। उनसे मिलने वालों में प्रदेश महासचिव महेश शर्मा, प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया, वरिष्ठ नेता हरेंद्र बोरा, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरेंद्र लाडी आदि पहुंचे थे।
मूल आया, अब ब्याज भर-भरके आएगा : संजीव
नैनीताल सीट से विधायक रहे संजीव आर्य ने कहा कि अभी कांग्रेस पार्टी में मूल आया है। अब भर-भरके ब्याज भी आएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मेरे खून और डीएनए में है।
और दावेदारों ने ली राहत की सांस
कांग्रेस के पुराने दिग्गज यशपाल आर्य की वापसी के बाद उनकी सीट को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया था। बाजपुर के अलावा हल्द्वानी, काशीपुर के अलावा सुरक्षित सीट सोमेश्वर व बागेश्वर तक का जिक्र होने लगा। हालांकि, अब आर्य के बाजपुर से ही लडऩे के बयान से अन्य जगहों से मैदान में उतरने की तैयारियों में जुटे कांग्रेसी नेताओं को फिलहाल तो राहत मिली है।