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बेटे की बढ़त को यशपाल आर्य सजा रहे सियासी फील्डिंग, बेतालघाट व कोटाबाग पर फोकस

आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के शुरुआत में प्रस्तावित है। सियासी जमीन मजबूत करने की कसरत भी तेज हो गई है। खासकर वीआईपी व प्रतिष्ठित नैनीताल सीट पर विधायक संजीव आर्य को अजेय बढ़त दिलाने के लिए कैबिनेट मंत्री व उनके पिता यशपाल आर्य फील्डिंग सजाने में जुट गए हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 22 Nov 2020 09:36 AM (IST)Updated: Sun, 22 Nov 2020 09:36 AM (IST)
बेटे की बढ़त को यशपाल आर्य सजा रहे सियासी फील्डिंग, बेतालघाट व कोटाबाग पर फोकस
बेटे की बढ़त को यशपाल आर्य सजा रहे सियासी फील्डिंग, बेतालघाट व कोटाबाग पर फोकस

नैनीताल, जेएनएन : आगामी विधानसभा चुनाव 2022 के शुरुआत में ही प्रस्तावित है। ऐसे में सियासी जमीन मजबूत करने की कसरत भी तेज हो गई है। खासकर वीआईपी व प्रतिष्ठित नैनीताल सीट पर विधायक संजीव आर्य को अजेय बढ़त दिलाने के लिए कैबिनेट मंत्री व उनके पिता यशपाल आर्य फील्डिंग सजाने में जुट गए हैं।

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नैनीताल सीट पर नैनीताल शहर में भाजपा का जनाधार कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की अपेक्षा कम है। पिछले चुनाव में भी संजीव बहुत कम वोट से आगे थे। कांग्रेस छोड़ने के बाद भाजपा के मजबूत चेहरे बन चुके कैबिनेट मंत्री यशपाल भावी सियासी चुनौतियों से पूरी तरह वाकिफ हैं। नैनीताल सीट का बड़ा हिस्सा कभी मुक्तेश्वर सीट का हिस्सा रहा है। राज्य के पहले विस चुनाव में यशपाल इसी सीट से विधायक थे और विधानसभा अध्यक्ष बने। उन्होंने कोटाबाग से बेतालघाट, रामगढ़ ब्लॉक के गांव-गांव में कई विकास कार्य कराए हैं।

यशपाल का गांव के पुराने चेहरों के साथ जनप्रतिनिधियों का आत्मीय रिश्ता है। इसी वजह से अब बेटे की सियासी बढ़त को अजेय बनाने के लिए उन्होंने ग्रामीण इलाकों पर फोकस किया है। पिछली बार कोटबाग व बेतालघाट से संजीव को निर्णायक बढ़त मिली थी। विधायक बनने के बाद संजीव ने भी व्यवहार, सियासी कौशल व बड़े पैमाने पर विकास योजनाओं की मंजूरी दिलाकर जनाधार बढ़ाया है। कांग्रेस के पारंपरिक अल्पसंख्यक व आरक्षित वोट बैंक में सेंधमारी की है।

पहली बार वाल्मीकि समाज से नगरपालिका में नामित सभासद बनाया तो कांग्रेस से दशकों से जुड़ी निर्वाचित पालिका सभासद को भाजपा में शामिल करा दिया। इसके अलावा बेतालघाट से पीसी गोरखा को एससी आयोग का उपाध्यक्ष बनाकर बड़ा सियासी संदेश दिया है कि अनुसूचित वर्ग के असली हितैषी वहीं हैं। पंचायत चुनाव में कांग्रेस के मजबूत चेहरे भीमताल ब्लॉक प्रमुख डॉ हरीश बिष्ट को अपने पाले में लाकर नैनीताल के आसपास के गांवों में आधार मजबूत किया है।

विपक्ष के खेमे में बिखराव की रणनीति

विधायक संजीव के रणनीतिकारों की रणनीति विपक्षी दलों के मजबूत चेहरों को अपने पाले में लाकर वोटबैंक में सेंधमारी की भी है। नैनीताल शहर में विपक्षी वोटबैंक का बंटवारा कर अपनी बढ़त बनाने के लिए समर्थक जुटे हैं। विपक्षी कांग्रेस में गुटबाजी का फिलहाल तो लाभ भी दिखाई दे रहा है। आप की सक्रियता से भी विपक्ष के वोट में बिखराव तय है। उक्रांद के वोट बैंक कर्मचारियों में भी पैंठ जमाने के लिए कर्मचारी नेताओं से सम्पर्क बढा रहे हैं।


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