नैनीताल में मजदूरों ने किया धरना-प्रदर्शन, एक को दून में होगी रैली
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रमिक संगठनों ने नैनीताल में संचालित पब्लिक स्कूलों व होटल प्रबंधकों पर श्रमिकों उत्पीणन का आरोप लगाया।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध श्रमिक संगठनों ने नैनीताल में संचालित पब्लिक स्कूलों व होटल प्रबंधकों पर श्रम कानूनों का उल्लंघन कर गरीब कर्मचारियों के उत्पीड़न का आरोप लगाया है। संघ के अनुसार मजदूरों का उत्पीड़न रोकने के लिए जिलाधिकारी व उप श्रमायुक्त से भी गुहार लगाई गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिस कारण संघ को आंदोलन के लिए सड़क पर उतरना पड़ा है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों का शोषण किसी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
शनिवार को कर्मचारी संगठनों ने पहले अंबेडकर भवन में बैठक की, जिसके बाद बारिश में कर्मचारी जुलूस की शक्ल में गांधी प्रतिमा के समक्ष पहुंचे और धरना प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष मदन सिंह गैड़ा ने कहा कि भारतीय मजदूर संघ के बैनर तले पहली अक्टूबर को श्रमिकों की समस्याओं के समाधान को लेकर देहरादून में रैली निकाली जाएगी, जिसमें नैनीताल से भी बड़ी संख्या में कर्मचारी जाएंगे। बैठक में नियमित चलने वाले कार्यो में ठेका प्रथा समाप्त कर कर्मचारियों को नियमित करने, श्रम कानूनों को ताक पर रखकर निकाले गए विद्यालय व होटल कर्मचारियों को न्याय दिलाने, आंगनबाड़ी कार्मिकों को न्यूनतम 21 हजार वेतन देने, यात्रा भत्ता देने, परिवहन निगम का राजकीयकरण करने आदि मांग मुख्य रूप से उठाई गई। इस दौरान संयुक्त मजिस्ट्रेट अभिषेक रुहेला ने धरना स्थल पहुंचकर मांग पत्र प्राप्त किया। इस अवसर पर बीएमएस के प्रदेश महासचिव शेखरानंद पांडे, प्रदेश उपाध्यक्ष पीसी चौबे, जिला मंत्री लीला बोरा, आनंदी आर्या, लीला बिष्ट, प्रेमा बिष्ट, नीरू बिष्ट, नरेंद्र पपोला, नरेंद्र कुमार, विकास जोशी, पवन साह, विरेंद्र खर्कवाल आदि मौजूद थे।