अस्कोट की रामलीला में पहली बार महिलाएं भी निभाएंगी किरदार nainital news
ऐतिहासिक क्षेत्र अस्कोट की रामलीला के इतिहास में इस वर्ष से एक नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। यहां पहली बार कुछ महिला पात्रों के किरदार महिलाओं द्वारा ही निभाए जाएंगे।
अस्कोट (पिथौरागढ़) पिथौरागढ़ : पिथौरागढ़ जिले के ऐतिहासिक क्षेत्र अस्कोट की रामलीला के इतिहास में इस वर्ष से एक नया अध्याय जुडऩे जा रहा है। यहां की रामलीला में इस वर्ष पहली बार कुछ महिला पात्रों के किरदार महिलाओं द्वारा ही निभाए जाएंगे। क्षेत्र में शुक्रवार से रामलीला का आयोजन किया जाएगा। मंचन को लेकर आयोजकों व क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह बना हुआ है।
करीब 700 वर्षों तक कत्यूर वंशीय पाल राजाओं की राजधानी रही अस्कोट क्षेत्र की रामलीला लगभग डेढ़ सौ वर्ष पुरानी मानी जाती है। जानकारों के मुताबिक 1874 से 1890 के बीच तत्कालीन राजा पुष्कर पाल द्वारा यहां रामलीला की शुरुआत की गई थी। अपनी विशिष्ट गायन व मंचन शैली के चलते अस्कोट की रामलीला दूर-दूर तक प्रसिद्ध रही है। पड़ोसी देश नेपाल से भी लोग यहां रामलीला देखने पहुंचते रहे हैं।
इस वर्ष आज (शुक्रवार) से शुरू हो रही अस्कोट की रामलीला में एक नए युग की शुरुआत होने जा रही है। पहली बार कुछ महिला पात्रों के किरदार महिलाओं द्वारा निभाए जाने की शुरुआत हो रही है। रामलीला कमेटी अध्यक्ष होशियार सिंह पाल ने बताया कि करीब डेढ़ महीने चली रामलीला की तालीम में इन महिला किरदारों को अभिनय व गायन की तालीम दी गई है और ये कलाकार अपने-अपने पात्रों का किरदार निभाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि इससे आगामी वर्षों से रामलीला में महिला कलाकारों की भागीदारी बढ़ेगी। इस वर्ष रामलीला में महिला कलाकारों की शिरकत के चलते रामलीला के आयोजक व दर्शक खासे उत्साहित हैं।
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