जंगल में घास लेने गई महिला का गुलदार ने किया शिकार, क्षत विक्षत मिला शव
तराई पूर्वी वन प्रभाग के डोली रेंज के इमली घाट के जंगल में गुलदार ने चारा लेने गई महिला को अपना निवाला बना लिया है। सूचना पर महिला के परिजन व वन विभाग की टीम मौके को रवाना हो गई है।
लालकुआं, जेएनएन। नौ माह पूर्व तराई पूर्वी वन प्रभाग के जंगलों में गुलदार व बाघ के आतंक को लोग भूले भी नही थे कि एक बार फिर डॉली रेंज के इमलीघाट के जंगल में चारा लेने गई महिला को गुलदार ने अपना निवाला बना लिया है। वन विभाग के अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। जबकि कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं इस घटाना के बाद से क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
बुधवार को दोपहर को बिंदुखत्ता के शीशमभुजिया नंबर छह निवासी भवानी देवी पत्नी पुष्कर सिंह उम्र 45 वर्ष अपने जानवरों को लेकर जंगल में गई थी। देर शाम तक जब वह घर नही पहुंची तो परिजनों ने वन क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी को मामले की सूचना दी। जिसके बाद वनकर्मियों व ग्रामीणों ने रात्री में सर्च अभियान चलाया। लेकिन महिला का पता नही चल सका। गुरुवार की प्रात: को एक बार फिर से महिला की ढूंढ़खोज की गई। प्रात: करीब सात बजे इमलीघाट अनुभाग कोटखर्रा द्वितीय बीट में प्लाट संख्या 19 के जंगल में महिला का शव बरामद कर लिया गया। महिला की गरदन में गुलदार या बाघ के दांत के चार गहरे निशान थे। जबकि मौके पर काफी खून पड़ा हुआ था। आवश्यक कार्यवाही के बाद पुलिस द्वारा शव को पोस्टमार्टम के लिए हल्द्वानी भेज दिया। मृतक महिला के एक पुत्री व एक पुत्र है। जबकि उसकी सास भी बीमार है। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण जानवरों व घर के काम की सारी जिम्मेदारी मृतका के पास थी। उसकी मौत से परिजनों में कोहराम मचा है।
डीएफओ ने किया मौका मुआयना
दोपहर बाद तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीतीश मणि त्रिपाठी एसडीओ ध्रुव सिंह मर्तोलिया और वन क्षेत्राधिकारी अनिल कुमार जोशी को लेकर घटनास्थल पर पहुंचे। जहां बारीकी से निरीक्षण करने के पश्चात वह शीशम भुजिया नंबर छह निवासी मृतका के परिजनों से मिले। इस दौरान उन्होने परिजनों को ढांढस बंधाते हुए 48 घंटे के भीतर एक लाख रुपए एवं उसके बाद दो लाख रुपए आर्थिक सहायता देने का आश्वासन दिया।
वनाधिकारियों ने कि जंगल से दूर रहने की अपील
एक सप्ताह पूर्व वनाधिकारियों ने वन्य जीवों से खतरे को भांपते हुए ग्रामीणों व महिलाओं को जंगल में ना जाने की हिदायत दी थी। दरअसल जाड़े के मौसम में ठंड बढ़ते ही जंगल में वन्यजीव बाघ, गुलदार आदि का मूवमेंट बढ़ जाता है। जिसको देखते हुए डॉली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी अनिल जोशी व गौला रेंज के वनक्षेत्राधिकारी गणेश त्रिपाठी द्वारा एक सप्ताह पूर्व ही जंगल में चारा व जलौनी लकड़ी लेने गई कई महिलाओं व ग्रामीणों को जंगल में ना आने की हिदायत दी गई थी।
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