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कोरा काॅटन और पेपर से बैग तैयार कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं Haldwani News

महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भारतीय उद्यमिता संस्थान (आइआइइ) कई तरह के प्रशिक्षण देता है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Fri, 07 Aug 2020 04:41 PM (IST)Updated: Fri, 07 Aug 2020 04:41 PM (IST)
कोरा काॅटन और पेपर से बैग तैयार कर आत्मनिर्भर बन रहीं महिलाएं Haldwani News

हल्द्वानी, जेएनएन : महिलाओं को आतमनिर्भर बनाने के लिए अनेक संस्थाए प्रयास कर रही हैं। कोरोनाकाल में इसके परिणाम भी बेहतर आ रहे हैं। महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने के लिए भारतीय उद्यमिता संस्थान (आइआइइ) कई तरह के प्रशिक्षण देता है। आइआइइ और गिरिजा बुटीक एवं महिला विकास संस्था के सहयोग से एक माह का निश्शुल्क प्रशिक्षण शुक्रवार से मुखानी में शुरू हो गया। कोरा काॅटन और पेपर से बैग बनाने की बारीकी सीखेंगे। शिविर के शुभारंभ पर संस्था अध्यक्ष गीता सत्यवली ने कहा पेपर बैग निर्माण स्वरोजगार का बेहतर माध्यम है। इसे पर्यावरण का दुश्मन प्लास्टिक के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।

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उन्होंने कहा कि संस्था के माध्यम से प्रशिक्षण लेने वाली आशा बिष्ट बैंक से 50 हजार का लोन लेकर पेपर बैक का व्यवसाय कर रही हैं। पुष्पा पांडे और ज्योति पांडे भी कोरा काॅटन व पेपर बैग का व्यवसाय कर रही हैं। इस व्यवसाय को कम निवेश में शुरू किया जा सकता है। मेडिकल स्टोर, बैंक, स्टेशनरी शाॅप आदि जगहों पर पेपर बैग की अच्छी खपत है। कपड़े के बैग का निर्माण किया जाता है तो उसे शहर के शाॅपिंग माॅल में बेचा जा सकता है। माॅल में खरीदारी को पहुंचने वाले लोग आकर्षक बैग को खरीदना पसंद करते हैं।


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