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कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही बढ़ी अस्पताल कर्मियों की जिम्मेदारी, सुबह से देर रात तक सेवा में जुटे रहते हैं कर्मी

फ्रंटलाइन वॉरियर की भूमिका में काम कर रहे चिकित्साकर्मियों की जिम्मेदारियों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। शहर के बीडी पांडे अस्पताल के कर्मी भी पूरी तन्मयता के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे है। कोविड जांच और मरीजों की देखरेख कर्मियों के लिए चुनौती बना हुआ है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Sun, 09 May 2021 04:16 PM (IST)Updated: Sun, 09 May 2021 04:16 PM (IST)
कोरोना संक्रमण बढ़ने के साथ ही बढ़ी अस्पताल कर्मियों की जिम्मेदारी, सुबह से देर रात तक सेवा में जुटे रहते हैं कर्मी
चिकित्सक हो या सफाई कर्मी हर कोई जी संक्रमण की रोकथाम और खात्मे के लिए सेवा में जुटा हुआ है।

जागरण संवाददाता, नैनीताल। कोरोना संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। ऐसे में फ्रंटलाइन वॉरियर की भूमिका में काम कर रहे चिकित्साकर्मियों की जिम्मेदारियों में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। शहर के बीडी पांडे अस्पताल के कर्मी भी पूरी तन्मयता के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहे है। अस्पताल में सामान्य मरीजों के उपचार के साथ ही कोविड जांच और मरीजों की देखरेख कर्मियों के लिए चुनौती बना हुआ है। चिकित्सक हो या सफाई कर्मी हर कोई जी जान से संक्रमण की रोकथाम और इसके खात्मे के लिए सेवा में जुटा हुआ है।

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शहर और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों के हजारों मरीज उपचार के लिए बीडी पांडे जिला अस्पताल पर ही निर्भर है। जहां रोजाना औसतन 250 से 300  मरीज उपचार के लिए पहुँचते है। कोविड काल मे अस्पताल पहुँचने वाले मरीजों की संख्या में कुछ कमी तो आयी है, लेकिन अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मियों का काम कम नहीं हुआ, बल्कि कोविड के चलते अस्पताल कर्मियों की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गयी है। पूर्व में अमूमन आठ छह घंटे रहने वाली कार्यावधि अस्पताल में कोविड जांच और उपचार के कारण बढ़ गयी है। कई चिकित्सक और कर्मचारी तो ऐसे भी है जो सुबह से देर रात तक सेवा में जुटे हुए है।

मरीजों को पूर्व की तरह ही मिल रहा उपचार

शहर और समीपवर्ती ग्रामीण क्षेत्र का एकमात्र अस्पताल होने के कारण कोविड के दौरान भी अस्पताल पहुँचने वाले मरीजों की संख्या में कोई खास कमी नहीं आयी है। अस्पताल की एक टीम जहाँ एक ओर मरीजों की कोविड जांच और उपचार के लिए तैनात है तो दूसरी ओर अन्य चिकित्सक पूर्व की तरह ही मरीजों को उपचार दे रहे है। पीएमएस डॉ केएस धामी ने बताया कि अस्पताल में ओपीडी मरीजों के साथ ही पूर्व की तरह ही मरीजों को भर्ती कर उपचार भी दिया जा रहा है। इसके अलावा रोजाना ऑपरेशन भी किये जा रहे है।

मांग उठी तो छह बैड कोविड मरीजों के लिए किए संरक्षित

बीडी पांडे अस्पताल वैसे तो कोविड अस्पताल की सूची में शामिल नहीं है। मगर शहर में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यहाँ कोविड मरीजों के उपचार की मांग भी उठने लगी। जिसको देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने यहां कोविड मरीजों को उपचार देने के लिए व्यवस्थाएं जुटाना शुरू कर दिया। बीते दिनों अस्पताल में आक्सीजन और अन्य सुविधाएं जुटाकर छह बैड कोविड मरीजों के लिए संरक्षित कर दिए गए है। जहां कोविड मरीजों को कुछ घंटे भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।

डॉ धामी के प्रबंधन स्किल से हो जाती है हर मुश्किल आसान

करीब दो साल पहले डॉ केएस धामी ने बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस का पद संभाला। जिसके बाद से ही उन्होंने अस्पताल में सुविधाएं बढ़ाने की कवायद शुरू कर दी। यह उनका ही प्रयास है कि आज अस्पताल में आईसीयू, सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम समेत तमाम सुविधाएं मरीजों को मिल पा रही है। इसके अलावा उनके अंदर गजब का प्रबंधन स्किल भी है। कोविड काल मे किस कर्मी से किस तरह काम करवाना है यह उन्हें भली भांति आता है। जिस कारण बड़ी से बड़ी मुश्किल आने पर Bही वह आसानी से हल हो जाती है। डॉ धामी का कहना है कि उनका अस्पताल स्टाफ भी बहुत मेहनती है। चिकित्सक हो या सफाई कर्मी हर कोई अपना कर्तव्य बखूबी निभा रहा है।

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