हाई कोर्ट में शीतकालीन अवकाश घोषित, खुली रहेगी वैकेशन कोर्ट
हाई कोर्ट में शनिवार से शीतकालीन अवकाश रहेगा। अब हाई कोर्ट 11 फरवरी को खुलेगी। शीतकालीन अवकाश के दौरान वैकेशन कोर्ट खुली रहेगी।
नैनीताल, जेएनएन : हाई कोर्ट में शनिवार से शीतकालीन अवकाश रहेगा। अब हाई कोर्ट 11 फरवरी को खुलेगी। शीतकालीन अवकाश के दौरान वैकेशन कोर्ट खुली रहेगी। पहले सप्ताह न्यायाधीश न्यायमूर्ति नारायण सिंह धानिक, दूसरे सप्ताह न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे, तीसरे सप्ताह न्यायमूर्ति रवींद्र मैठाणी व चौथे सप्ताह न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की कोर्ट महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई करेगी। रजिस्ट्रार जनरल प्रदीप पंत ने यह जानकारी दी।
विनियमित करने के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश : हाई कोर्ट ने सात जनवरी को जारी शासनादेश के क्रियान्वयन पर रोक लगाते हुए विनियमितीकरण नियमावली-2016 के अंतर्गत नियमित कर्मचारियों के मामले में यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। साथ ही चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट का फैसला इस नियमावली के अंतर्गत नियमित होने के बाद अस्थाई बने करीब 1200 कर्मचारियों को भी राहत के तौर पर माना जा रहा है।
सुशीला तिवारी चिकित्सालय हल्द्वानी में कार्यरत ममता डंगवाल समेत 27 कर्मचारियों ने याचिका दायर कर सरकार के सात जनवरी के शासनादेश को चुनौती दी है। इस शासनादेश में साफ तौर पर उल्लेख किया गया है कि नियमावली-2016 के अंतर्गत विनियमित कर्मचारियों के पदों को रिक्त मानते हुए उन पदों को सीधी भर्ती से विज्ञापित किया जाए। इस नियमावली की वजह से बाहर हुए कर्मचारियों को नई भर्ती प्रक्रिया में वेटेज दिया जाएगा। आयु सीमा में भी छूट मिलेगी। सरकार के इस शासनादेश से सूबे में करीब 1200 कर्मचारी बाहर हो गए हैं। जबकि वह पहले विनियमित हो चुके हैं। शासनादेश से दैनिक, संविदा, अंशकालिक पदों पर सालों से कार्यरत कर्मचारी प्रभावित हुए हैं। याचिकाकर्ताओं के अनुसार हाई कोर्ट 2016 की नियमावली को हिमांशु जोशी से संबंधित मामले में निरस्त कर चुका है। कोर्ट ने इस मामले में दिए फैसले में कहा था कि जिन पदों पद विनयमितीकरण नहीं हुआ है, उन पदों की विज्ञप्ति जारी की जाए मगर सरकार द्वारा विनियमित कर्मचारियों को बाहर कर नई विज्ञप्ति जारी की जा रही है। न्यायाधीश न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा की एकल पीठ ने मामले को सुनने के बाद याचीगणों को धारित पदों पर कार्य करने के आदेश पारित किए हैं।
यह भी पढ़ें : आइएसबीटी को लेकर हाईकोर्ट ने सरकार से चार सप्ताह में मांगा जवाब