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आटे में विस्‍फोटक रखकर रामनगर के जंगल में किया जा रहा है वन्‍यजीवों का शिकार

रामनगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग का जंगल जिला उधमसिंहनगर के बाजपुर व काशीपुर तक फैला हुआ है। जंगल में मांस के लिए चीतल हिरन सांभर व सुअर का शिकार करने वाले गांव के कई लोग सक्रिय रहते हैं। वह आटे में गंधक पोटाश मिलाकर एक गोला बना लेते हैं।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Mon, 22 Feb 2021 12:05 PM (IST)Updated: Mon, 22 Feb 2021 12:05 PM (IST)
आटे में विस्‍फोटक रखकर रामनगर के जंगल में किया जा रहा है वन्‍यजीवों का शिकार
आटे में विस्‍फोटक रखकर रामनगर के जंगल में किया जा रहा है वन्‍यजीवों का शिकार

रामनगर, जागरण संवाददाता : केरल में इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना तो आपको याद होगी। जहां कुछ शरारती तत्‍वों ने अनानास में गर्भवती हाथी को विस्फोटक रखकर खिला दिया था। जिससे उसकी ऐसी स्थिति हो गई थी कि वह मरने के लिए नदी में तीन दिन तक खड़ी रही। पर क्‍या आप जानते हैं रामनगर के जंगल में बेजुबानों का शिकार करने के लिए ऐसा कई बार हो चुका है। अराजक तत्‍व आटे में विस्‍फोटक मिलाकर वन्‍यजीवों का शिकार करते हैं।

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रामनगर के तराई पश्चिमी वन प्रभाग का जंगल जिला उधमसिंहनगर के बाजपुर व काशीपुर तक फैला हुआ है। जंगल में मांस के लिए चीतल, हिरन, सांभर व सुअर का शिकार करने वाले गांव के कई लोग सक्रिय रहते हैं। वह आटे में गंधक पोटाश मिलाकर एक गोला बना लेते हैं। इसे वह जंगल में वन्य जीवों की आवाजाही वाले क्षेत्र में छिपाकर रख देते हैं। जैसे ही वन्य जीव आटा समझकर इसे खाता है तभी विस्फोट से उसके मुंह के चिथड़े उड़ जाते हैं। मौत के बाद वे उसका मांस काटकर ले जाते हैं। बेजुबानों पर हो रहे इस इंसानी बर्ताव से जंगल में वन्य जीवों की सुरक्षा खतरे में हैं।

केस-1

वर्ष 2015 में ग्राम गैबुआ में एक चीतल ने जंगल में विस्फोटक पदार्थ वाला आटे का गोला खा लिया था। इससे उसके मुंह के चिथड़े उड़ गए थे। वन कर्मियों के पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई थी।

केस-2

वर्ष 2017 में ग्राम छोई में विस्फोटक पदार्थ की वजह से एक सांभर के मुंह के चिथड़े हो गए थे। दर्द से तड़पता सांभर पानी की गूल में बैठ गया। वन कर्मियों के पहुंचने पर उसकी मौत हो चुकी थी।

केस-3

वर्ष 2020 में पापड़ी गांव निवासी पशुपालक गाय लेकर जंगल में चराने के लिए गया था। जंगल में वन्य जीवों के शिकार के लिए रखे गए विस्फोटक पदार्थ मिले आटे के गोले को दुधारू गाय ने खा लिया था। धमाके से गाय के मुंह के चिथड़े उड़ गए थे।

केस-4

कुछ साल पूर्व कालूसिद्ध गांव में किशोरी गाय चराने जंगल गई थी। जिज्ञासावश उसने झाड़ी के किनारे पड़ा एक झोला खोला तो उसमें विस्फोट हो गया। विस्फोट की वजह से किशोरी के हाथ झुलस गए थे।

केस-5

पिछले साल रामनगर रेंज की टीम को गश्त में एक प्लास्टिक की पॉलीथिन में गंधक पोटाश मिश्रण के आटे के गोले मिले थे। हिमांशु बागरी, डीएफओ तराई पश्चिमी वन प्रभाग रामनगर ने बताया कि जंगल में ऐसी हरकत करने वाले लोगों को चिन्हित करने का प्रयास होता है। जंगल में ऐसी संदिग्ध वस्तुओं को गश्त के दौरान तलाशने के लिए वनकर्मियो को कहा जाता है।

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