वन्यजीव संरक्षण को आज से मनेगा वन्य प्राणी सप्ताह
वन्यजीवों के संरक्षण की भावना लोगों में जागृत करने के लिए 48 साल से वन्य प्राणी सप्ताह का आयोजन देश में हो रहा है। पहली अक्टूबर से सात अक्टूबर तक कार्बेट पार्क में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
संस, रामनगर : वन्यजीवों के संरक्षण की भावना लोगों में जागृत करने के लिए 48 साल से वन्य प्राणी सप्ताह का आयोजन देश में हो रहा है। वन्यजीव बहुल क्षेत्र से घिरे रामनगर में इस आयोजन का महत्व अधिक बढ़ जाता है। यही वजह है कि कार्बेट टाइगर रिजर्व व उससे सटे वन प्रभागों द्वारा लोगों में वन्य जीवों के लिए संरक्षण की भावना विकसित करने को जोरशोर से विभिन्न कार्यक्रम किए जाते है।
सीटीआर व उसके आसपास हर साल पहली से सात अक्टूबर तक वन्यजीव सप्ताह मनाया जाता है। वन्य जीव व पर्यावरण संरक्षण में लगे विभिन्न संगठनों व वन्यजीव प्रेमियों द्वारा लोगों में वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाने के लिए विचार गोष्ठी, स्कूलों के बच्चों के लिए निबंध, पोस्टर प्रतियोगिता, स्लोगन, संभाषण, पक्षी अवलोकन रैली आयोजित होती है।
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48 साल से दिया जा रहा संरक्षण का संदेश
वन्यजीव विशेषज्ञ संजय छिमवाल बताते है कि वन्य जीवों की विलुप्ति की आशका के कारण भारत में सर्वप्रथम 1952 को वन्यजीव प्राणी सप्ताह पर विचार किया गया। वर्ष 1972 में इडियन वाइल्ड लाइफ बोर्ड का गठन हुआ। इसके बाद से यह कार्यक्रम लगातार आयोजित हो रहा है।
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यह हैं आयोजन के उद्देश्य
-प्रत्येक समुदायों व परिवारों को प्रकृति से जोड़ना।
-मानव के भीतर संरक्षण की भावना पैदा करना।
-वन्यजीव व पर्यावरण की सुरक्षा के लिए जागरूक करना।
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:::::::: वर्जन
वन्यजीवों के महत्व को समझने के लिए वन्यजीव सप्ताह एक अभियान के रूप में मनाया जाता है। विलुप्त हो रहे वन्यजीवों, पशु पक्षियों व पेड़ पौधों की प्रजातियों से प्रकृति का संतुलन बिगड़ा तो मानव जीवन भी खतरे में पड़ जाएगा।
-आरके तिवारी, पार्क वार्डन सीटीआर