पोती से दुष्कर्म के आरोप से आहत खुद को गोली से उड़ाने वाले पूर्व दर्जा मंत्री एचआर बहुगुणा थे कौन
एचआर बहुगुणा ने खुद डायल 112 में काल कर बताया कि वह ओवरहेड टैंक पर चढ़कर खुदकुशी कर रहे हैं। पुलिस के अनुसान तीन दिन पहले उन पर पोती के साथ पुलिस का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद से वह अवसाद में थे।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : पूर्व दर्जा मंत्री, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और रोडवेज के सीनियर लिपिक एचआर बहुगुणा ने पानी की टंकी पर चढ़कर खुद को गाेली से उड़ा लिया। पुलिस के अनुसार तीन दिन पहले उन पर पोती के साथ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद से वह अवसाद में थे। एचआर बहुगुणा थे कौन? उन्होंने खुदकुशी क्यों की ?...चालिए जानते हैं उनके बारे में।
एनडी सरकार में बने दर्जामंत्री
2002 से 2007 तक स्व. एनडी तिवारी की सरकार में उत्तराखंड में कांग्रेस नेताओं को जमकर लालबत्ती मिली। कांग्रेस के शासन में एचआर बहुगुणा को भी मौका मिला। रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक साल 2004-05 के बीच उन्हें दर्जा राज्यमंत्री का दायित्व मिला था। उस दौर में बहुगुणा कुमाऊं के सबसे बड़े रोडवेज डिपो काठगोदाम में महज एक परिचालक थे। रोडवेज के एक परिचालक के अचानक दायित्वधारी हो जाने पर साथी कर्मचारी भी चौंक थे।
छोड़ दी थी दर्जा मंत्री वाली सुविधाएं
रोडवेज कर्मचारियों के मुताबिक सियासी संबंधों को भुनाने में माहिर समझे जाने वाले बहुगुणा ने दर्जा राज्यमंत्री का पद तो हासिल कर लिया था। लेकिन सरकारी कर्मचारी होने के नाते वह दो लाभ के पद नहीं ले सकते थे। इसलिए बतौर दर्जा राज्यमंत्री वाली सुविधाएं नहीं ली। लेकिन रोडवेज की नौकरी को भी कम ही समय दिया। बहुगुणा के आत्मघाती उठाने की सूचना मिलने से निगम कर्मचारी व अफसर भी हैरान है।
सेवानिवृत्ति की वजह से नहीं बने संगठन मंत्री
रोडवेज में कर्मचारी संगठनों की अलग-अलग यूनियन में रहे एचआर बहुगुणा वर्तमान में परिवहन मजदूर संघ से जुड़े थे। लंबे समय तक प्रदेश संगठन मंत्री रहे। लेकिन इस साल अक्टूबर में उन्हें सेवानिवृत्त होना था। इसलिए दोबारा पद नहीं मिला। 30 अप्रैल को नगर निगम सभागार में बहुगुणा ने स्वतंत्रता सेनानियों व राज्य आंदोलनकारियों के लिए सम्मान समारोह का आयोजन किया था।
31 अक्टूबर को हो रहे थे रिटायर्ड
एचआर बहुगुणा कांग्रेस नेता थे। आजीवन वह कांग्रेस से जुड़े रहे। रोडवेज संघ समेत कई अन्य संगठनों में भी वह उच्च पदों पर रहे। हल्द्वानी डिपो के वर्कशाप में वह सीनियर लिपिक के पद पर कार्यरत थे। 31 अक्टूबर को वह रिटायर्ड हो रहे थे।
एक दिन पहले भी दर्ज हुआ केस
पौती से दुष्कर्म के एक बाद 24 मई को एचआर बहुगुणा पर एक और मुकदमा दर्ज हुआ। पड़ोसी महिला ने एचआर बहुगुणा पर रास्ते में रोककर अभद्रता का आरोप लगाया था। पुलिस ने इस मामले में भी मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी थी।
फोन कर बोले-खुदकुशी करने जा रहा हूं
एचआर बहुगुणा ने खुद डायल 112 में काल कर बताया कि वह ओवरहेड टैंक पर चढ़कर खुदकुशी कर रहे हैं। इस पर एसआई लता खत्री टीम के साथ मौके पर पहुंच गईं। उनके समझाने पर बहुगुणा नहीं माने तो बनभूलपुरा थाना एसओ नीरज भाकुनी मौके पर पहुंचे। उन्होंने लाउड स्पीकर के जरिए टैंक पर चढ़े बहुगुणा से बात की और आश्वासन दिया कि उनकी बात सुनीं जाएगी।
बोले पोती संग दुष्कर्म का गलत मुकदमा दर्ज कराया
बहुगुणा ने टैंक से बताया कि उन पर पौती से दुष्कर्म का जो मुकदमा दर्ज कराया है वह गलत है। बहू उन पर 40 लाख रुपये लेने का दबाव बनाकर ब्लैकमेल कर रही है। काफी देर तक चली बातचीत पर बहुगुणा ने नीचे आने की बात कही। लेकिन इससे पहले ही उन्होंने खुद के सीने पर 315 बोर के तमंचे से गोली मार ली। आनन-फानन में एसओ उन्हें एसटीएच लेकर आए। जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।