नेपाल का राष्ट्रीय और हिमाचल का राज्य पक्षी वेस्टर्न ट्रगोपैन कभी हुआ करता था अल्मोड़ा की शान
नेपाल का राष्ट्रीय और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी वेस्टर्न ट्रगोपैन कभी अल्मोड़ा जनपद की शान हुआ करता था। कुमाऊं को छोड़ यह पक्षी वर्तमान में हिमाचल गढ़वाल से लेकर कश्मीर व पाकिस्तान तक में पाया जाता है ।
भीमताल, जेएनएन : नेपाल का राष्ट्रीय और हिमाचल प्रदेश का राज्य पक्षी वेस्टर्न ट्रगोपैन कभी अल्मोड़ा जनपद की शान हुआ करता था। कुमाऊं को छोड़ यह पक्षी वर्तमान में हिमाचल गढ़वाल से लेकर कश्मीर व पाकिस्तान तक में पाया जाता है । वास्तव में वेस्टर्न ट्रगोपैन एक जंगली मुर्गी है जो आमतौर पर पाई जाने वाली मुर्गी से बड़ी होती है। यह पेड़ों में रहकर घोसला बनाकर उसमें अंडे देती है।
वेस्टर्न ट्रगोपैन 1889 से पूर्व अल्मोड़ा जनपद में बहुत अधिक संख्या में पाई जाती थी। पक्षी विशेषज्ञों की मानें तो अब यह पक्षी अल्मोड़ा और रानीखेत के क्षेत्र में नहीं दिखाई देती हैं। वर्ष 1889 में द एडिबल एंड गेम बर्ड्स ऑफ ब्रिटिश इंडिया के लेखक जे मरे ने लिखा है कि तब तक यह पक्षी अल्मोड़ा में बहुतायत में पाई जाती थी। इसके बाद से वर्षों में इस पक्षी की उपस्थिति का कहीं उल्लेख नहीं है।
जहां एक ओर नैनीताल जनपद सातताल पंगूठ आदि क्षेत्रों में देश-विदेश से आने वाले बर्डवाचर माउंटेन क्वेल की तलाश में रहते हैं वहीं अल्मोड़ा जिले के भ्रमण पर जाने वाले पक्षी विशेषज्ञों को वेस्टर्न ट्रगोपैन की तलाश रहती है। पक्षी विशेषज्ञ विक्रम कंडारी और नीरज रेकूनी बताते हैं कि वेस्टर्न ट्रगोपैन के अल्मोड़ा जनपद से लुप्त होने का कारण संभवत जलवायु परिवर्तन है। वह सूखे इलाके का पक्षी है और कुमाऊं में लगातार बढ़ती नमी के कारण इस पक्षी का पलायन हुआ होगा।
चार प्रकार के होते हैं ट्रगोपैन
भारत में वेस्टर्न ट्रगोपन पक्षी चार प्रकार की कोड की गई है। वेस्टर्न ट्रगोपन और सटाया ट्रगोपैन उत्तराखंड में पाई जाती है। सटाया ट्रगोपैन गढ़वाल से लेकर पूर्वी हिमांचल अरुणाचल तक तो वैली ट्रगोपैन ब्रह्मपुत्र के दक्षिण नागालैंड मणिपुर में पाई जाती है। टेमिकस ट्रगोपैन अरुणाचल में पाया जाता है।
राजकीय पक्षी वेस्टर्न ट्रगोपन
वेस्टर्न ट्रगोपन को स्थानीय हिमाचल प्रदेश में पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में तीसरे स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक (2007) में वेस्टर्न ट्रगोपन को राजकीय पक्षी घोषित किया गया था। इसका वैज्ञानिक नाम ड्रैगोपान सेफैलस है। यह नेपाल का राष्ट्रीय पक्षी भी है। वेस्टर्न को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से इसे राजकीय पक्षी घोषित किया गया था।