पहाड़ पर पानी नहीं तो कहीं दूषित पानी पीने को मजबूर, मंडरा रहा जलजनित बीमारी का खतरा
बागेश्वर में पानी की समस्या जोर पकड़ रही है। कठायतबाड़ा में सात दिनों से लोग प्राकृतिक स्रोतों का रुख कर रहे हैं। यहां पर पूर्व में दो-दो पेयजल योजनाएं बनी हैं। लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जागरण संवाददाता, बागेश्वर: पहाड़ पर बारिश के चलते सड़क पर मलबे से आवागमन तो बाधित ही है साथ में बिजली पानी की समस्या हो रही है। कई जगहों पर पेयजल आपूर्ति नहीं हो रही तो कहीं पर गंदा पानी पीने को लोग मजबूर हैं। जखेड़ा पेयजल योजना सात दिन बाद भी सुचारू नहीं हो सकी है।
नदी में बह गई पाइप लाइन को दुरुस्त करने में जलसंस्थान जुटा है। वहीं कांडा तहसील में दूषित पानी की सप्लाई होने से लोगों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि जलसंस्थान की व्यवस्थाएं पटरी से उतर गई हैं। वह दूषित पानी पीला रहा है। उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।
शहर के कठायतबाड़ा क्षेत्र में अभी भी पेयजल की आपूर्ति सुचारू नहीं हो सकी है। सात दिनों से लोग प्राकृतिक स्रोतों का रुख कर रहे हैं। जिससे उनका समय बर्बाद हो रहा है। राज्य आंदोलनकारी हीरा बल्लभ भट्ट, नंदा बल्लभ भट्ट आदि ने कहा कि कठायतबाड़ा की भूमि पर दो-दो योजनाएं बनी हैं। लेकिन उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा है।
80 के दशक में बनी जखेड़ा पेयजल लाइन से पानी दिया जाता है। वह भी अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई है। बीते एक दिन नलों में गंदे पानी की सप्लाई की गई। जिससे क्षेत्र में लोगों के प्यूरीफाइ खराब हो गए हैं। उन्हें दो से लेकर तीन हजार रुपये तक का नुकसान हुआ है। उन्होंने जलसंस्थान से इसकी भरपाई कराने की मांग जिला प्रशासन से की है।
उधर, कांडा तहसील के तुषरेड़ा-सिमदे गधेरे से तल्ला देवतोली से पेयजल योजना से ग्रामीणों को प्रदूषित पानी की आपूर्ति की जा रही है। तुषरेड़ा, हल्दौड़, अखराड़ी, गिराड़ी, ढानन, ठांगा, देवलेत, पटौली गांवों के उपभोक्ताओं में आक्रोश है।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया की देवीनगर-धामपुर से तुषरेड़ा तक सड़क काटी जा रही है। जिसका मलबा पेयजल स्रोत पर गिराया जा रहा है। दूषित पानी से डायरिया, पीलिया व त्वचा संबंधी बीमारी बढ़ने का खतरा बढ़ गया है। ग्रामीण बहादुर राम, जगदीश राम, पुष्कर राम, मंजू देवी, दीपक सिंह, पंकज सिंह ने समस्या का समाधान करने की मांग की है।
जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल के अनुसार कठायत बाड़ा पेयजल योजना में मरम्मत कार्य प्रगति पर है। मौसम साफ रहने पर योजना चालू होने की संभावना है। टकनार पेयजल योजना की भी मरम्मत की जा रही है। प्रदूषित पानी की आपूर्ति की अभी तक शिकायत नहीं है।