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पिथौरागढ़ में व्यास मार्ग खुला, मार्ग चौड़ीकरण के चलते गत माह से बंद थी सड़क

बीआरओ ने आठ मई तक कार्य पूरा कर मार्ग को यातायात संचालन के लिए खोलने का दावा किया था। इस दावे के तहत बीआरओ ने मार्ग यातायात के लिए खोल दिया है। वर्तमान में गुंजी कुटी तक यातायात होने लगा है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Tue, 11 May 2021 11:05 AM (IST)Updated: Tue, 11 May 2021 11:05 AM (IST)
पिथौरागढ़ में व्यास मार्ग खुला, मार्ग चौड़ीकरण के चलते गत माह से बंद थी सड़क
वर्तमान में गुंजी, कुटी तक यातायात होने लगा है।

जागरण संवाददाता, धारचूला : गर्बाधार -लिपुलेख मार्ग में बूंदी से छियालेख के मध्य मोड़ चौड़ीकरण के चलते बंद मार्ग यातायात के लिए खुल चुका है। मार्ग पर गुंजी तक यातायात सुगम हो चुका है।

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चीन सीमा को जोडऩे वाली तवाघाट- गर्बाधार-लिपुलेख मार्ग में बूंदी से लेकर छियालेख तक मोड़ चौड़ीकरण का कार्य चल रहा था। चौड़ीकरण कार्य के चलते बूंदी से आगे यातायात संचालन बंद था। बीआरओ ने आठ मई तक कार्य पूरा कर मार्ग को यातायात संचालन के लिए खोलने का दावा किया था। इस दावे के तहत बीआरओ ने मार्ग यातायात के लिए खोल दिया है। वर्तमान में गुंजी, कुटी तक यातायात होने लगा है। इस समय व्यास घाटी के उच्च हिमालयी छह गांवों के ग्रामीण ग्रीष्मकालीन प्रवास के लिए अपने गांवों में हैं।

ग्रामीणों को सामान खरीदने और अन्य कार्यों के लिए तहसील मुख्यालय एवं बाजार धारचूला तक आना जाना पड़ता है। बूंदी से आगे मार्ग बंद होने से ग्रामीणों ो बूंदी से आगे पैदल चलना पड़ रहा था। मार्ग खुलने से अब चीन सीमा से लगे गब्र्याग, गुंजी, नपलच्यु, नाबी, रोंगकोंग और कुटी गांवों के ग्रामीणों को राहत मिली है। वही दारमा घाटी में भी सोबला- ढाकर मार्ग यातायात के लिए खुला है। दोनों उच्च हिमालयी घाटियों में आवाजाही सुचारु  बनी है।

उच्च हिमालय जाने वालों की दोबाट पर हो रही है कोरोना जांच

उच्च हिमालयी दारमा, व्यास सहित उच्च मध्य हिमालयी चौदास घाटी जाने वालों की कोविड जांच धारचूला से पांच किमी आगे दोबाट पर हो रही है। दोबाट में चिकित्सा टीम तैनात की गई है। जहां पर टीम उच्च हिमालय को जाने वालों की जांच कर रही है। प्रशासन के अनुसार उच्च हिमालयी गांवों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जांच के बाद भी आगे भेजा जा रहा है। दोबाट के पास जांच प्रारंभ होने से उच्च हिमालय जाने वालों की संख्या में काफी कमी आ चुकी है।

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