आपदा प्रभावित धारचूला में फैला वायरल, चार महिलाओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू किया
पिथौरागढ़ जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र धारचूला में वायरल तेजी से फैल रहा है। उपचार की सुविधा नहीं होने से कई मरीजों की हालत नाजुक है। दारमा और व्यास से चार गंभीर महिलाओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर धारचूला लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जागरण संवाददाता, पिथौरागढ़/ धारचूला : सीमांत पिथौरागढ़ जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्र धारचूला में वायरल तेजी से फैल रहा है। उपचार की सुविधा नहीं होने से कई मरीजों की हालत नाजुक है। दारमा और व्यास से चार गंभीर महिलाओं को हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू कर धारचूला लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
धारचूला में काली नदी चेतावनी लेवल से ऊपर बह रही
बुधवार की को जिले की सभी तहसीलों में वर्षा हुई है। धारचूला में काली नदी अभी चेतावनी लेवल से ऊपर बह रही है। जिले भर में दस ग्रामीण मार्ग बंद है और लगभग एक लाख की आबादी प्रभावित है। सबसे अधिक परेशानी बीमार लोगों को सड़क तक जाने की बनी है। दिन में चटक धूप खिलने और रात को बारिश होने से कई स्थानों पर भूस्खलन हो रहा है।
चार बीमार को हेलीकॉप्टर से पहुंचाया अस्पताल
धारचूला तहसील के दोनों सीमा मार्ग तवाघाट- लिपुलेख और तवाघाट- दारमा मार्ग यातायात के लिए खुल तो चुके हैं परंतु परेशानी बनी है। दारमा मार्ग भेती के पास पुल बहने बंद था। यहां पर नाले में पत्थर डाल कर आवागमन चल रहा है। भेती, उमचिया, सोबला,सुवा सहित अन्य गांवों में इस समय वायरल बुखार तेजी से फैला है। उपचार की कोई व्यवस्था नहीं है।
मार्ग की हालत इस कदर खराब है कि रोगियों को धारचूला तक लाना दुष्कर बना है। गुरु वार को भेती से कुसुमा देवी 38 वर्ष और शारदा देवी 55 वर्ष को और व्यास घाटी के उच्च हिमालयी गांव गब्र्याग के किस्सू देवी और गुंजी से विरमती देवी को हैलीकॉप्टर से धारचूला लाकर सीएचसी में भर्ती किया गया है। चारों विगत कई दिनों से बुखार से पीडित हैं ।
कहा कितनी वर्षा हुई
तहसील वर्षा एमएम
बेरीनाग 47.80
डीडीहाट 45
पिथौरागढ़ 38.20
गंगोलीहाट 33
धारचूला 30.80
मुनस्यारी 22
पिथौरागढ़ जिले के बंद मार्ग
मदकोट- दारमा, मसूरीकांठा-होकरा, आदिचौरा -सीणी, बांसबगड़- कोटा पंद्रहपाला, बांसबगड़ - धामीगांव, सेलमाली - विचना, छिरकिला -जम्कू, सोसा- सिर्खा, मदकोट - तौमिक, दरांती -दुम्मर
काली नदी 889.10 मीटर पर
काली नदी धारचूला में 889.10 मीटर पर बह रही है। चेतावनी लेबल 889 मीटर और खतरे का निशान 890 मीटर है। गोरी नदी जौलजीबी में 604.65 मीटर पर है जो चेतावनी लेबल से कम है। सरयू नदी घाट में 447.80 मीटर पर बह रही है। जो चेतावनी लेबल से नीचे है।