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हैड़ाखान रोड बंद होने से सरसो का तेल 30 रु. लीटर महंगा, 15 दिन से नहीं पहुंची सिलेंडर की गाड़ी

Hairakhan road closed काठगोदाम थाने से दो किमी आगे हैड़ाखान रोड पर बंद होने से करीब दो सौ गांवों के ग्रामीणों की जिंदगी नर्क हो गई है। रोजाना इस्तेमाल होने वाली वस्तुओं के दाम आसमान छू रहे हैं। बीमार ग्रामीणों को भारी मुसीबत झेलनी पड़ रही है।

By govind singhEdited By: Skand ShuklaPublished: Sun, 27 Nov 2022 08:05 AM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 08:05 AM (IST)
हैड़ाखान रोड बंद होने से सरसो का तेल 30 रु. लीटर महंगा, 15 दिन से नहीं पहुंची सिलेंडर की गाड़ी
हैड़ाखान रोड बंद होने की वजह ग्रामीणों की जिदंगी पर महंगाई का बोझा, बीमार झेल रहे मुसीबत

गोविंद बिष्ट, हल्द्वानी : Hairakhan road closed :  सड़क सहूलियत लेकर आती है लेकिन हैड़ाखान में मुख्य मार्ग मलबे के नीचे दबा पड़ा है। भूस्खलन ने सुविधाओं को भी दफन कर दिया। हफ्ते में दो बार आने वाली सिलेंडर की गाड़ी का पिछले 15 दिन से कुछ पता नहीं। हल्द्वानी पहुंचने के लिए दो गाड़ी बदलने के साथ सामान के बोझ संग पैदल यात्रा का दर्द भी झेलना पड़ रहा है।

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जरूरत की चीजों के दाम बढऩे की वजह से महंगाई की मार भी पहाड़ के लोगों के सिर पर पड़ चुकी है। सड़क बंद होने के बाद सरसो का तेल यहां 30 रुपये लीटर महंगा हो चुका है। यही हाल बाकी चीजों का भी है। ग्रामीणों में असमंजस और डर दोनों बढ़ रहा है कि कब तक इन हालात में रहना पड़ेगा।

काठगोदाम से दो किमी आगे हैड़ाखान रोड पर 15 नवंबर को भारी मात्रा में मलबा आने की वजह से पूरी तरह बंद हो गई। जिम्मेदार वैकल्पिक मार्ग खोजने मे जुटे हैं लेकिन ग्रामीणों की समस्या लगातार बढ़ रही है। पसौली, रौशिल, गुमान, पनियाबोर, ओखलढूंगा, बडै़त, स्यूड़ा, हैड़ाखान, लूगड़, गाजा और हरीशताल के बाशिंदे ज्यादा परेशान हैं। क्योंकि, इन लोगों का मुख्य बाजार ही हल्द्वानी है।

यहां सिलिंडर की आपूर्ति काठगोदाम के रास्ते होती है। लेकिन मलबे की वजह से इस गाड़ी का आना मुश्किल हो चुका है। हरीशताल से आगे के इलाकों में भीमताल स्थित एजेंसी से सिलिंडर भेजे जाते हैं। ग्रामीणों की मांग है कि सिलिंडर आपूर्ति और महंगाई को देखते हुए प्रशासन को कोई उपाय तलाशना चाहिए।

ग्रामीणों के अनुसार जरूरत की चीजों के दाम

15 नवंबर से पहले          अब

चीनी 40 रुपये किलो       50 रुपये

दाल 170 रुपये किलो     200 पार

सरसो 170 प्रति लीटर     200 रुपये

25 रुपये किलो चावल     35 रुपये

आटा 30 रुपये किलो      40 रुपये

प्याज 40 रुपये किलो      50 रुपये

आलू 30 रुपये किलो       45 तक

ग्रामीणों ने साझा किया दुख

कुछ भी करके इस सड़क को जल्द खोल देना चाहिए। गांव के लोग परेशान हो चुके हैं। बीमार को कैसे ले जाएंगे। - तुलसी देवी, स्थानीय बुजुर्ग

सिलिंडर गाड़ी नहीं आ रही। जरूरत की चीजों के दाम बढ़ गए। क्षेत्र के लोगों की परेशानी हर रोज बढ़ रही है। - हरेंद्र सिंह, स्थानीय ग्रामीण

हमारी समस्या के समाधान के लिए सभी विभागों को सामंजस्य संग काम करना होगा। इस सड़क से हजारों लोग जुड़े हैं। - ललित मोहन, जनप्रतिनिधि

हैड़ाखान रोड का स्थायी और मजबूत ट्रीटमेंट होना चाहिए। ताकि भविष्य में बरसात के दौरान फिर समस्या खड़ी न हो। - इंद्र सिह मेहता, प्रधान पनियाबोर

टेंपो का किराया ज्यादा। ढुलान की वजह से चीजों के दाम बढ़े। ग्रामीणों को जल्द इस संकट से निजात मिलना चाहिए। - नवीन पलडिय़ा, अध्यक्ष जमरानी संघर्ष समिति

इन दिनों मौसम साफ है। इसलिए जल्द मरम्मत शुरू करना चाहिए। ग्रामीणों के लिए हल्द्वानी पहुंचना चुनौती बन गया है। - चिराग बोरा, प्रधान पनिया मेहता

ढुलान की वजह से चीजें महंगी

सड़क बंद होने की वजह से परेशान ग्रामीणों का कहना है कि गांव में छोटी-छोटी दुकानें होती है। जिनका संचालन स्थानीय लोग करते हैं। मामला कालाबाजारी का नहीं बल्कि ढुलान का है। हल्द्वानी से पहले टूटी सड़क तक टेंपो या अन्य वाहन से सामान आता है। जिसके बाद पहाड़ी के रास्ते सड़क के दूसरे छोर तक ढुलान होता है। वहां गाड़ी मिल गई तो ठीक वरना फिर पैदल ढुलान की जरूरत पड़ती है। छोटे दुकानदारों को इस स्थिति में सामान खुद आगे महंगा पड़ रहा है। इसलिए ग्राहक भी अतिरिक्त रुपये दे रहे हैं। अगर सरकारी स्तर से व्यवस्था कर सामान गांव तक पहुंचे तो दाम इतने नहीं बढ़ेंगे।

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