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चम्पावत के उचौलीगोठ में खनन शुरू होने पर भड़के ग्रामीण, जेसीबी मशीन पहुंचते ही ग्रामीणों ने काटा हंगामा

उचौलीगोठ के 28 एकड़ में खनन कार्य के लिए गुरुवार को जैसे ही जेसीबी मशीन पहुंची तो ग्रामीण विरोध में उतर आए। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने खनन कार्य रोक दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। ग्रामीण खनन न होने देने पर अड़े रहे और धरने से नहीं उठे।

By Prashant MishraEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 05:41 PM (IST)Updated: Fri, 14 May 2021 09:17 AM (IST)
शासन ने 28 एकड़ में रिवर ट्रेनिंग के तहत खनन कार्य को मंजूरी दी है।

संवाद सहयोगी, टनकपुर : रिवर ट्रेनिंग के तहत उचौलीगोठ के 28 एकड़ में खनन कार्य के लिए गुरुवार को जैसे ही जेसीबी मशीन पहुंची तो ग्रामीण विरोध में उतर आए। मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने खनन कार्य रोक दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। सूचना के बाद नायब तहसीलदार मौके पर पहुंची और उन्होंने मामला शांत कराने का प्रयास किया। ग्रामीण खनन न होने देने पर अड़े रहे और धरने से नहीं उठे। ग्रामीणों के विरोध के बाद फिलहाल खनन कार्य रूकवा दिया गया है।

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    शासन ने 28 एकड़ में रिवर ट्रेनिंग के तहत खनन कार्य को मंजूरी दी है। खनन को स्वीकृति मिलने के बाद से ही ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। लगभग डेढ़ माह पूर्व भी ग्रामीणों ने खनन के लिए पहुंचे ठेकेदारों को खदेड़ दिया था। बताया जा रहा है कि कोविड कफ्र्यू के दौरान ग्रामीणों को गच्चा देकर गुरुवार को जेसीबी और पोकलेंड मशीनें खनन के लिए रास्ते बनाने पहुंची थी। इस बात की भनक लगते ही उचौलीगोठ और आस-पास के गांवों की दर्जनों महिलाएं व अन्य लोग भड़क गए और उन्होंने मौके पर पहुंचकर इसका तीव्र विरोध किया। सूचना के बाद नायब तहसीलदार पिंकी आर्या और एसएसआइ योगेश दत्त भी वहां पहुंच गए।

तहसीलदार ने कहा कि खनन कार्य सरकार की नीति के अनुरूप किया जा रहा है। इससे ग्रामीणों को कोई नुकसान नहीं होगा। उन्होंने ग्रामीणों से नाजायज विरोध छोडऩे की अपील की। ग्रामीणों ने कहा कि खनन होने से उचौलीगोठ, नायकगोठ, थ्वालखेड़ा, चिलियाघोल और शारदा घाट में बरसात के समय बाढ़ आ जाएगी जिससे जान माल का नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने खनन का विरोध जारी रखने की चेतावनी दी। नरेश सकारी, प्रधान पति गणेश बोहरा, मुकेश महर, संजय महर, पुष्कर महर, दीपक सिंह, मान सिह, राजू सिंह, विनोद आदि का कहना था कि कोरोना काल में लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं लेकिन सरकार अपनी सुविधा के लिए खनन कार्य करवा रही है।

एसडीएम  हिमांशु कफल्टिया ने बताया कि 28 एकड़ में राज्य सरकार की खनन नीति के तहत खनन कार्य प्रस्तावित है। इससे गांवों को कोई खतरा नहीं है। कुछ लोगों द्वारा इसका बिना मतलब का विरोध किया जा रहा है। ग्रामीणों से वार्ता जारी है। सरकारी कार्य में जोर जबरदस्ती बाधा डालने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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