विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह बोले लोककला और हथकरघा उद्योग को बचाए हैं बुनकर
विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तमाम तेजी से हो रहे बदलाव के बावजूद बुनकर लोककला और हथकरघा परंपरा को सहेजे हुए हैं।
अल्मोड़ा, जेएनएन : विधानसभा उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि वैश्विक स्तर पर तमाम तेजी से हो रहे बदलाव के बावजूद बुनकर लोककला और हथकरघा परंपरा को सहेजे हुए हैं। उन्हीं की पीढिय़ों के सतत प्रयासों से हथकरघा उद्योग जिंदा हैं। भारतीय हथकरघा उत्पाद प्राचीनकाल से ही गुणवत्ता, खूबसूरती व विविध रंगों के लिए जानी जाती रही है। मौजूदा दौर में केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को अंतिम छोर तक पहुंचा कर ही हथकरघा व इससे जुड़े बुनकरों को प्रोत्साहित किया जा सकता है।
विस उपाध्यक्ष चौहान हिमाद्री हंस हैंडलूम (डीनापानी) में हुए हथकरघा दिवस पर गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने कहा, देश प्रदेश में बुनकरों का प्रयास सराहनीय है। विभिन्न योजनाओं के जरिये सरकारें उन्हें लाभान्वित करने के लिए प्रयासरत हैं। विशिष्ट अतिथि सांसद अजय टम्टा ने कहा कि हथकरघा दिवस का उद्देश्य देश के सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। हथकरघा उत्पाद ग्रामीणों को रोजगार दे रहे तो पर्यावरण के अनुकूल भी हैं। सरकार की मंशा है कि गरीबों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिला हथकरघा उद्योग को और सशक्त बनाना है। ताकि बुनकरों की आय बढ़ सके। मुख्य कार्यकारी अधिकारी हिमाद्री हंस हैंडलूम राजेश जैन ने कहा कि हंस फाउंडेशन के महासंकट के बीच जो प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे, भविष्य में रोजगार के कई अवसर देंगे। इस दौरान जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष ललित सिंह लटवाल, जीएम उद्योग दीपक मुरारी, भाजपा जिला उपाध्यक्ष महिपाल सिंह बिष्ट आदि मौजूद रहे।
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