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सब्‍जी की फसल के लिए आफत है ये बारिश, उत्‍पादन पर पड़ेगा असर

फरवरी में मौसम के बदले मिजाज ने नैनीताल के भाबर व पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जी उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं के लिए बारिश अमृत साबित हो रही है

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 17 Feb 2019 05:23 PM (IST)Updated: Sun, 17 Feb 2019 08:04 PM (IST)
सब्‍जी की फसल के लिए आफत है ये बारिश, उत्‍पादन पर पड़ेगा असर
सब्‍जी की फसल के लिए आफत है ये बारिश, उत्‍पादन पर पड़ेगा असर

हल्द्वानी, जेएनएन : फरवरी में मौसम के बदले मिजाज ने नैनीताल के भाबर व पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जी उत्पादकों की चिंता बढ़ा दी है। रबी सीजन की प्रमुख फसल गेहूं के लिए बारिश अमृत साबित हो रही है, लेकिन सब्जी उत्पादकों के लिए बारिश और ओलावृष्टि चिंता का कारण बन रही है। वर्तमान में जिले के 1447.25 हेक्टेयर क्षेत्रफल में मटर सहित अन्य सब्जियां बोई गई हैं। उद्यान विशेषज्ञों की मानें तो मार्च प्रथम सप्ताह तक लगातार बारिश का दौर जारी रहने पर सब्जी उत्पादन पर बुरा असर पड़ सकता है। जिससे काश्तकारों को नुकसान उठाना पड़ेगा।

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बारिश और बर्फबारी से सब्जी उत्पादन प्रभावित रहने की आशंका को देख उद्यान विभाग ने प्रभावित क्षेत्रों में निरीक्षण करने की कार्ययोजना तैयार कर ली है। जिसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त टीम बनाकर मौके पर जाकर काश्तकारों की फसलों को बारिश और बर्फबारी से हुई क्षति का आंकलन किया जाएगा। विभागीय अधिकारियों की मानें तो फिलहाल नैनीताल जिले के किसी भी फल-सब्जी उत्पादक क्षेत्र से नुकसान की शिकायत नहीं मिली है, लेकिन लगातार मौसम ऐसा ही बना रहा तो फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। खासकर मटर, प्याज, लहसुन और सीजनल सब्जियों की फसल इन दिनों खेतों में तैयार हो रही है। कई क्षेत्रों में तैयार मटर की तोड़ाई का काम भी किया जा रहा है। लगातार बारिश से प्याज, लहसुन के पौधों को नुकसान पहुंचने से फसल के खेत में ही सडऩे का खतरा बना है। वहीं, मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 22 फरवरी तक नैनीताल, मुक्तेश्वर सहित जिले के तमाम पर्वतीय क्षेत्रों में बारिश, ओलावृष्टि के साथ बर्फबारी की संभावना है। जिसने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

फलदार पौधों को नुकसान नहीं

जनवरी और फरवरी दूसरे सप्ताह तक बारिश होने से अधिकतम तापमान सामान्य के करीब बना हुआ है। जिससे आम, लीची के पौधों में अभी तक पूरी तरह बौंर नहीं आए हैं। बारिश से फलदार वृक्षों के पत्तों पर चढ़ी धूल की परत साफ होने से वृक्षों की ग्रोथ के साथ ही आने वाले सीजन में फलों की पैदावार अच्छी होगी। मौसम सामान्य रहा तो बौंर अच्छे आएंगे, लेकिन मार्च-अप्रैल में बारिश के साथ आंधी-तूफान और तेज ओलावृष्टि फलदार वृक्षों पर आई बौंर को नुकसान पहुंचा सकती है।

मौसम पर रखी जा रही है नजर

भावना जोशी, डीएचओ, नैनीताल ने बताया कि बारिश अगर इसी तरह जारी रही तो सब्जी उत्पादकों को नुकसान हो सकता है, फिलहाल लगातार मौसम पर नजर रखी जा रही है। अगर कहीं से नुकसान की सूचना आती है तो 48 घंटे के भीतर निरीक्षण किया जाएगा।

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