नैनीताल पालिका में कर अधीक्षक, कर निरीक्षक और लेखाकार का पद खाली होने से बढ़ी मुश्किलें
नगर पालिका नैनीताल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोविड काल और संसाधनों की कमी के चलते पालिका वित्तीय संकट से तो जूझ ही रही थी अब पालिका में तमाम महत्वपूर्ण पदों के खाली होने से नया संकट घिर गया है।
नैनीताल, जागरण संवाददाता : प्रदेश में सबसे पुरानी पालिकाओं में शुमार नगर पालिका नैनीताल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। कोविड काल और संसाधनों की कमी के चलते पालिका वित्तीय संकट से तो जूझ ही रही थी, अब पालिका में तमाम महत्वपूर्ण पदों के खाली होने से नया संकट घिर गया है। लंबे समय से पालिका में कर अधीक्षक, कर निरीक्षक और लेखाकार का पद खाली है। जिससे पालिका की कर वसूली सुस्त हो चली है। वही लेखाकार तैनात नहीं होने के कारण शासन से जारी होने वाली ग्रांट के लिए डिमांड नही भेजी जा सकी है। जिस कारण आने वाले दिनों में पालिका कर्मियों को वेतन का संकट झेलना पड़ सकता है।
बता दें कि बीते कुछ वर्षों से नगर पालिका वित्तीय संकट से जूझ रही है। आय के संसाधनों में बढ़ोतरी न करना और उपलब्ध संसाधनों से आय जुटा पाने में पालिका प्रबंधन नाकाम साबित हो रहा है। वही कोविड काल में पार्किंग, लेकब्रिज चुंगी समेत अन्य संसाधनों से सीमित आय ने मुश्किले और बढ़ा दी है। जिससे पालिका महज शासन से मिलने वाली राज्य वित्त की ग्रांट पर निर्भर होकर रह गयी है। शासन से मिलने वाले बजट से ही कर्मियों के वेतन और अन्य खर्च किये जा रहे है। मगर लंबे समय से पालिका में लेखाकार का पद खाली पड़ा है। ऐसे में राज्य वित्त की मांग को लेकर शासन को भेजे जाने वाले बिल और डिमांड भी लंबित पड़ी है। कर्मियों का कहना है कि बिना डिमांड के शासन से बजट जारी नही किया जाएगा। जिससे उन्हें वेतन मिलने का भी संकट खड़ा हो जाएगा।
कर वसूली भी हुई सुस्त
पालिका में एक कर अधीक्षक और दो पद कर निरीक्षक के स्वीकृत है। जिसके विपरीत वर्तमान में यह पद खाली पड़े है। जिसका सीधा असर पालिका की कर वसूली पर भी पड़ा है। संबंधित पदों पर अधिकारी तैनात नही होने के कारण भवन और सफाई कर की 50 फीसदी वसूली भी नहीं हो पाई है। अधिशाषी अधिकारी अशोक वर्मा ने बताया कि पालिका में रिक्त पड़े पदों पर कर्मी नियुक्त करने के लिए शासन स्तर पर मांग की गई है। जिला प्रशासन द्वारा भी वैकल्पिक व्यवस्था करने का आश्वासन दिया गया है। पदों पर नियुक्ति होने पर पालिका के रुके कार्यों में तेजी लाई जाएगी।
नाराज सभासदों ने लगाया उपेक्षित करने का आरोप
शिकायतों का निस्तारण नहीं होने से नाराज सभासदों द्वारा भी पालिका में खाली पड़े पदों को भरने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया है। सभासद मोहन नेगी का कहना है कि प्रदेश के अन्य निकायों में स्थानांतरण कर महत्वपूर्ण पदों को भरा जा रहा है, जबकि नैनीताल पालिका की शासन स्तर से भी उपेक्षा की जा रही है। महत्वपूर्ण पदों पर अधिकारी तैनात नहीं होने से कई कार्य बाधित होने के साथ ही पालिका पिछड़ रही है। सभासदों ने जल्द इसको लेकर शासन स्तर पर ज्ञापन भेज पदों पर नियुक्ति की मांग करने की बात कही है।