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रुद्रपुर में बनेगा प्रदेश का पहला फिटनेस सेंटर, भूमि चिन्हित, जल्द मिलेगा दो करोड़

उत्तराखंड का पहला वाहन फिटनेस सेंटर रुद्रपुर में बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। शासन से रुद्रपुर में सरकारी भूमि पर बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 12:16 PM (IST)Updated: Sun, 20 Sep 2020 12:16 PM (IST)
रुद्रपुर में बनेगा प्रदेश का पहला फिटनेस सेंटर, भूमि चिन्हित, जल्द मिलेगा दो करोड़
रुद्रपुर में बनेगा प्रदेश का पहला फिटनेस सेंटर, भूमि चिन्हित, जल्द मिलेगा दो करोड़

रुद्रपुर, जेएनएन : उत्तराखंड का पहला वाहन फिटनेस सेंटर रुद्रपुर में बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। शासन से रुद्रपुर में सरकारी भूमि पर बनाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है। तकरीबन दो करोड़ रुपये का बजट भी जल्द मिल जाएगा। सेंटर में अत्याधुनिक मशीनों से वाहनों की फिटनेस की जांच की जाएगी। अभी तक फिटनेस जांच तकनीकी अधिकारी अपने अनुभव और गाड़ी की कंडीशन के हिसाब से तय करते रहे हैं। संभागीय परिवहन कार्यालय के अधिकारी दो साल से इसके लिए जमीन की तलाश कर रहे थे।

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सिडकुल रुद्रपुर के समीप कल्याणपुर में दो एकड़ भूमि चिन्हित की गई है। स्थापित किए जाने वाले फिटनेस सेंटर में जमीन के अधिग्रहण के बाद नापजोख होगी। इसके बाद समतलीकरण किया जाएगा। यहां एआरटीओ और प्राविधिक निरीक्षक तकनीकी के कार्यालय होंगे। वाहनों की फिटनेस की जांच के अलावा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदकों का ड्राइविंग टेस्ट भी होगा।

अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदकों का स्थलीय टेस्ट मैदान में लिया जाता है। परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सेंटर में अत्याधुनिक मशीनें मंगवाई जाएंगी। एआरटीओ ने बताया कि मशीनों से वाहनों की फिटनेस टेस्टिंग आसान रहेगी। इसमें वक्त भी कम लगेगा और गाड़ी की खामियां भी जल्द ही सामने आ जाएंगी। फिटनेस की जगह लैबोटरी होगी जहां वाहनों की हर जांच आसानी से की जा सकेगी।

रुद्रपुर की एआरटीओ प्रशासन पूजा नयाल ने बताया कि रुद्रपुर में पहला फिटनेस जांच केंद्र बनाए जाने का प्रस्ताव शासन से मंजूर हो चुका है। इसके लिए तकरीबन दो करोड़ रुपये का बजट भी मिलने वाला है। बजट मिलने पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

डिजिटल प्रक्रिया से होगी जांच

ऑटोमैटिक फिटनेस टेस्ट सेंटर में आने वाले वाहनों की जांच डिजिटल प्रक्रिया के तहत होगी। वाहनों के चेचिस नंबर को डिजिटल मशीन से जांचा जाएगा। इस कारण नंबर प्लेट बदलकर फिटनेस प्रमाणपत्र हासिल करने की गड़बड़ी पर रोक लगेगी। केवल फिट वाहन ही सड़क पर चल पाएंगे। अनफिट वाहन बाहर हो जाएंगे।

फिटनेस शुल्क में इजाफा होने की संभावना

निजी हांथों में दिए जाने के कारण फिटनेस शुल्क में 10 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। फिटनेस सेंटर की जिम्मेदारी पीपीपी मोड पर दिया जा सकता है।

सरकारी अमले के हाथ से निकल जाएगी जांच

फिटनेस जांच में शिकायतों को दूर करने के लिए निजी कंपनियों या एजेंसियों को ठेका दिया जाएगा। इसके बाद ही परिवहन विभाग फिटनेस जांच को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी में जुट गया। कुछ बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियों से परिवहन अकिारियों की चर्चा हुई है।


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