उत्तराखंड कांग्रेस विवाद को जल्द खत्म करना चाहता है 10 जनपथ, यशपाल आर्य को भी दिल्ली बुलाया
दस जनपथ को पता है कि यह यदि लंबा खिंचा तो पंजाब जैसे हालात बनेंगे। साथ ही चुनाव नजदीक है पार्टी को भी नुकसान होगा। इसलिए वह हर कीमत पर इसके समाधान में जुट गई है। इसी क्रम में कांग्रेस हाईकमान ने यशपाल आर्य को भी दिल्ली बुला लिया है।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : कांग्रेस हाईकमान हरीश रावत के ट्वीट के बाद उपजे विवाद को जल्द खत्म करना चाहती है। दस जनपथ को पता है कि यह यदि लंबा खिंचा तो पंजाब जैसे हालात बनेंगे। इसके साथ ही चुनाव नजदीक है उसमें भी पार्टी को नुकसान होगा। इसलिए वह हर कीमत पर इसके समाधान में जुट गई है।
इसी क्रम में गुरुवार को कांग्रेस हाईकमान ने यशपाल आर्य को भी दिल्ली बुला लिया है। यशपाल को कल सुबह 10 बजे वहां पहुंचने को कहा गया है। आर्य के मुताबिक वह अभी बाजपुर जा रहे हैं वहां कुछ कार्यक्रम प्रस्तावित हैं । उसमें शामिल होते हुए वह दिल्ली चले जाएंगे।
यशपाल आर्य ने कहा कि हरीश रावत उत्तराखंड में पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता हैं। उन्होंने इंटरनेट मीडिया के जरिये जो कुछ भी कहने या संदेश देने की कोशिश की है, उस पर विमर्श के लिए ही पार्टी नेतृत्व ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं को बुलाया है। उन्हें उम्मीद है कि वहां सभी की मौजूदगी में एक ठोस हल निकलेगा।
क्या है पूरा मामला
प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत ने बुधवार को इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर अपनी ही पार्टी को निशाने पर लेते हुए संकेतों में धमकी दे डाली कि इसी तरह का रुख रहा तो वह राजनीति से संन्यास भी ले सकते हैं। उधर, रावत के मीडिया सलाहकार व प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र अग्रवाल ने पार्टी के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव को भाजपा का एजेंट कहकर आग में और घी डाल दिया।
कांग्रेस महासचिव हरीश रावत काफी समय से स्वयं को पार्टी का चुनावी चेहरा घोषित करने की मांग उठाते आ रहे हैं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने इसे अनसुना कर दिया। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव समेत अन्य केंद्रीय नेता सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लडऩे की बात कहते रहे हैं। हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडे से इसे फिर दोहरा दिया। रावत खेमा हाईकमान के इस रुख से संतुष्ट नहीं है।