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फोलिक एसिड न लेने के कारण गर्भ में पल रहा था अविकसित भ्रूण, नॉर्मल डिलीवरी कर निकाला

चम्पावत जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंची एक गर्भवती महिला के भ्रूण में पल रहे शिशु का शारीरिक विकास न होने से उसे गर्भ से निकालना पड़ा। बच्चे के सिर का हिस्सा बना ही नहीं था जिससे महिला की जान को खतरा था।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 01:20 PM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 01:20 PM (IST)
फोलिक एसिड न लेने के कारण गर्भ में पल रहा था अविकसित भ्रूण, नॉर्मल डिलीवरी कर निकाला

चम्पावत, संवाद सहयोगी : चम्पावत जिला अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के लिए पहुंची एक गर्भवती महिला के भ्रूण में पल रहे शिशु का शारीरिक विकास न होने से उसे गर्भ से निकालना पड़ा। बच्चे के सिर का हिस्सा बना ही नहीं था, जिससे महिला की जान को खतरा था। डॉक्टरों के अनुसार फोलिक एसिड का सेवन न करने से महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण का विकास नहीं हो पाया।

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बुधवार को तामली क्षेत्र की 20 वर्षीय गर्भवती महिला अल्ट्रासाउंड के लिए जिला अस्पताल पहुंची। महिला को साढ़े चार माह का गर्भ था। अल्ट्रासांउड रिपोर्ट में महिला के गर्भ में पल रहे भ्रूण के सिर का हिस्सा बना ही नहीं था। रिपोर्ट का गहन अध्ययन करने के बाद रेडियोलॉजिस्ट डा. प्रदीप बिष्ट ने प्रसूति रोग विशेषज्ञ डा. मोनिका चौहान से इस संबंध में चर्चा की। दोनों डाक्टर इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि महिला के जीवन की रक्षा के लिए अविकसित भ्रूण को बाहर निकाल देना चाहिए। लिहाजा चिकित्सकों ने महिला और उसकेपरिजनों को विश्वास में लेकर महिला की नॉर्मल डिलीवरी कर भ्रूण को बाहर निकाल लिया। 

गायनी डा. मोनिका चौहान ने बताया कि भ्रूण के सिर का हिस्सा बना ही नहीं था। उन्होंने बताया कि महिला 19 हफ्ते की प्रेगनेंट थी। अमूमन 38 से 40 हफ्ते में नॉरमल डिलीवरी होती है। शिशु को बाहर नहीं निकाला जाता तो महिला की जान को खतरा हो सकता था। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद मृत भू्रण को परिजनों का सौंप दिया।

फोलिक एसिड गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी 

गर्भवती महिलाओं के लिए फोलिक एसिड अत्यंत जरूरी होता है। गर्भावस्था के शुरुआती समय में फोलिक एसिड का सेवन करने की सलाह दी जाती है। यह स्वस्थ्य भ्रूण के विकास के लिए जरूरी होता है। खासकर जब शिशु का रीढ़ विकसित हो रही हो। गर्भवती महिला द्वारा फोलिक एसिड का सेवन करने से तंत्रिका ट्यूब दोष (एनटीडी) के खतरे को काफी कम कर देता है। गुरुवार के चम्पावत जिला अस्पताल में ऑपरेशन कर जिस सिर विहीन जिस भ्रूण को महिला के गर्भ से निकाला गया वह फोलिक एसिड के सेवन न करने का ही नतीजा था। जिला अस्पताल के रेडियोलॉजिस्ट डा. प्रदीप बिष्ट ने बताया कि फोलिक एसिड कंसीव करने से पहले ही लेना शुरू कर देना चाहिए। 

क्या है फोलिक एसिड

डा. प्रदीप बिष्ट ने बताया कि फोलिक एसिड विटामिन बी का एक प्रकार है। यह खाद्य पदार्थों में फोलेट के रूप में पाया जाता है। यह शरीर मे नई कोशिकाओं और न्यूक्लिक एसिड के निर्माण में मदद करता है। इसकी कमी से गर्भ में पल रहे शिशु को कई तरह के जन्म दोष होने का खतरा रहता है। फोलिक एसिड तंत्रिका ट्यूब दोष से बचाता है, लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है तथा बच्चे को कई जटिलताओं से बचाता है।

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