ओखलकांडा में एक नहीं दो तेंदुए कर रहे हैं महिलाओं का शिकार, महकमा बढ़ाएगा शिकारी
ओखलकांडा ब्लाॅक में तीन लोगों की तेंदुए के हमले में मौत के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हमलावर एक नहीं बल्कि दो तेंदुए हैं। इसमें एक नर और दूसरा मादा होने की संभावना है। पदचिन्हों के आधार पर फिलहाल वन विभाग यह अनुमान लगा रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : ओखलकांडा ब्लाॅक में तीन लोगों की तेंदुए के हमले में मौत के बाद यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि हमलावर एक नहीं बल्कि दो तेंदुए हैं। इसमें एक नर और दूसरा मादा होने की संभावना है। पदचिन्हों के आधार पर फिलहाल वन विभाग यह अनुमान लगा रहा है। अगर अनुमान सटीक बैठा तो वन विभाग को और दिक्कत आएगी। क्योंकि, फिर घने जंगल में दो तेंदुओं को तलाशना पड़ेगा। हालांकि, आज शिकारियों की संख्या बढऩे पर महकमे को आदमखोर को ट्रेस करने में काफी मदद भी मिलेगी।
ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए वन विभाग अब पूरी कोशिश में लगा है कि किसी तरह आदमखोर तेंदुए को ट्रेस करने के बाद ढेर किया जाए। फिलहाल वनकर्मियों को हमले वाले गांव के आसपास तेंदुए के पदचिन्ह भी मिले हैं। जिनका मिलान करने पर पता चला कि तुषराड़ जहां पहली घटना हुई वहां नर तेंदुए व धैना गांव क्षेत्र में मादा तेंदुए की मौजूदगी है।
उत्तरकाशी में चलते-चलते मारता था तेंदुए
आदमखोर तेंदुए के व्यवहार को लेकर एक नतीजे पर पहुंचाना इतना सरल नहीं। कभी तेंदुए एक ही क्षेत्र को टारगेट कर लोगों पर हमला करते हैं तो कभी चलते-चलते। साल 2004 में उत्तरकाशी में आतंक मचाने वाला एक तेंदुए ने बीस किमी लंबे इलाके में 14 दिन के भीतर पांच लोगों को मौत के घाट उतारा था। एक गांव में आतंक करने के बाद दोबारा उसी क्षेत्र में लौटने के बाद आगे बढ़ता गया।