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सरयू नदी में नहाने गए दो सगे भाई बहे, एक का शव बरामद, दूसरे की तलाश जारी

बागेश्‍वर जिले के कपकोट में सरयू नदी में दो सगे भाई बह गए। एसडीआरएफ की टीम ने एक शव बरामद कर लिया है दूसरे की तलाश जारी है। वहीं हादसे के बाद से परिवार में कोहराम मचा है। गांव में शोक की लहर है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 26 Sep 2021 01:29 PM (IST)Updated: Sun, 26 Sep 2021 07:21 PM (IST)
सरयू नदी में नहाने गए दो सगे भाई बहे, एक का शव बरामद, दूसरे की तलाश जारी
सरयू नदी में नहाने के दौरान दो बच्चे बहे, एक का शव बरामद

बागेश्वर, जागरण संवाददाता : बागेश्‍वर जिले के कपकोट में सरयू नदी में दो सगे भाई बह गए। एसडीआरएफ की टीम ने एक शव बरामद कर लिया है, दूसरे की तलाश जारी है। वहीं हादसे के बाद से परिवार में कोहराम मचा है। गांव में शो की लहर है।

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भयूं गांव निवासी प्रकाश राम के पुत्र 10 वर्षीय मोहित और छह वर्षीय सुमित रविवार को पूर्वाह्न करीब 11 बजे सरयू नदी किनारे जा रहे थे। भालू गाड़ गधेरा पार करते समय उनके पैर फिसल गए और दोनों उफान में बह गए। कुछ दूरी पर ही यह गधेरा सरयू नदी में मिल जाता है। शनिवार की रात भारी बारिश होने के कारण भी गधेरे का वेग अधिक था। आसपास के लोगों की सूचना पर रेगुलर व राजस्व पुलिस, फायर बिग्रेड, एसडीआरएफ व आपदा प्रबंधन की टीम ने रेस्क्यू चलाया। थानाध्यक्ष कपकोट मदन लाल ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान अपराह्न करीब एक बजे मोहित का शव सरयू नदी किनारे बरामद कर लिया गया। जबकि छोटे भाई सुमित का शाम तक पता नहीं चल सका है। एनडीआरएफ की टीम रेस्क्यू में जुटी हुई है।

कपकोट के भयूं गांव में मचा कोहराम

बागेश्वर : एक ही परिवार के दो बच्चे नदी में बह गए। घटना के बाद पिता प्रकाश राम और माता आशा देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। दोनेां को ढाढस बंधाने के लिए लोग घर पहुंचने लगे।

घर पर नहीं थी मां

सरयू नदी में बहे सगे दो भाइयों की मां आशा देवी घर पर नहीं थी। वह घास लेने के लिए जंगल गई थी। जबकि उनकी बीमार दादी को लेकर दादा और पिता बागेश्वर गए थे। दादा गंगा राम मूल रूप से किलपारा गांव के निवासी हैं। दादा-दादी की आंखें भी नातियों के आने का इंतजार कर रही हैं, लेकिन मोहित का शव मिलने के बाद उनका भी धैर्य टूट रहा है।

उफान पर रहती है सरयू

बारिश के कारण सरयू नदी उफान पर है। नदी किनारे जाने वालों को प्रशासन रोक रहा है। जिला मुख्यालय में जल पुलिस तैनात है लेकिन कपकोट में सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं हो सके हैं। सरयू नदी का सबसे अधिक खतरा पहले कपकोट क्षेत्र में रहता है। यहां जल विद्युत परियोजनाएं भी हैं। बारिश और सरयू का जलस्तर बढऩे के बाद परियोजनाओं से भी पानी छोड़ दिया जाता है। जिसके कारण अचानक पानी का वेग बढ़ जाती है। जिसका स्थानीय लोगों को भी पता नहीं चल पाता है।


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