बागेश्वर में फैली गले के इंफेक्शन की बीमारी, दो बच्चों की मौत, चार बच्चे बीमार
बागेश्वर लिले में गले में इन्फेक्शन का प्रकोप फैला हुआ है। कपकोट तहसील के चचई गांव में गले में इंफेक्शन होने से एक सप्ताह के भीतर दो बच्चों की मौत हो गई।
बागेश्वर, जेएनएन : बागेश्वर लिले में गले में इन्फेक्शन का प्रकोप फैला हुआ है। कपकोट तहसील के चचई गांव में गले में इंफेक्शन होने से एक सप्ताह के भीतर दो बच्चों की मौत हो गई। करीब चार बच्चे अभी भी बीमार हैं। गले में टान्सिल्स की शिकायत होने की आशंका जताई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची और दवाइयां वितरित की हैं।
चचई गांव निवासी गोपाल राम के 13 वर्षीय बेटे नीरज कुमार को गले में दर्द और खराश की शिकायत थी। उसे बरेली के एक अस्पताल में भर्ती किया गया। परिजनों के अनुसार उसने आठ अगस्त को दम तोड़ दिया। जबकि 14 वर्षीय दिव्या पुत्री दिनेश राम की 26 जुलाई को जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। ग्रामीणों के अनुसार दोनों बच्चों को गले में दर्द की शिकायत थी।
इसके अलावा गांव के सौरभ कुमार (8) पुत्र जोगा राम, सपना (13) पुत्री माधो राम, अनिल कुमार (12) पुत्र चनर राम, रोशनी (9) पुत्री कुशाल राम भी गले की दर्द और खराश से पीड़ित हैं। प्रधान निर्मला जोशी ने बताया कि गुरुवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव पहुंची। डाक्टरों ने मरीजों का इलाज किया। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है और बच्चे जल्द स्वस्थ्य होंगे।
मौसम बदलाव से होता है टान्सिल्स
गांव गए डा. बृजेश रावत ने बताया कि मौसम में बदलाव आते ही अक्सर लोगों को गले की खराश या गले में दर्द की शिकायत होने लगती है। ये सब गले में इंफेक्शन की वजह से होता है। लेकिन इंफेक्शन बढ़ जाने पर गले में टॉन्सिल्स नामक बीमारी होने का खतरा बढ़ जाता है। इसमें गले में सूजन के साथ ही असहनीय दर्द होता है। यही नहीं खाने और पानी पीने भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
चचई गांव में रैपिड एंटीजन टेस्ट
चचई गांव पहुंची कपकोट के डाक्टरों की टीम ने 150 ग्रामीणों का रैपिड एंटीजन टेस्ट और आरटीपी टेस्ट किया। डा. बृजेश रावत ने बताया कि गांव में शिविर लगाया गया। ग्रामीण गले के दर्द और खराश की शिकायत कर रहे थे। जिसके चलते कोविड-19 का टेस्ट भी किया गया है। उन्होंने कहा कि आठ अगस्त तक रिपोर्ट आएगी। प्रधान निर्मला जोशी ने बताया कि गांव में करीब तीन सौ प्रवासी भी घर आए हैं। लेकिन वे पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। जबकि अन्य ग्रामीण गले में दर्द आदि की शिकायत कर रहे हैं। टीम में गोविंद आर्य, लोकेश राणा, वासुदेव सिंह, पूनम खेतवाल, चंपा गढ़िया, माया देवी, मंजू देवी, रमेश चंद्र जोशी, आनंद गोस्वामी, शंकर नगरकोटी आदि शामिल थे।