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उच्च हिमालय से 43 पर्यटकों सहित 86 लोगों को सेना के हेलीकॉप्‍टर से किया रेस्क्यू

उच्च हिमालय में फंसे पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से निकालने का काम चौथे दिन भी जारी रहा। रविवार को सुबह से लेकर अपरान्ह तक मौसम अनुकूल रहने के कारण वायु सेना के एएसएल हेलीकॉप्टर से दारमा घाटी से 11 पर्यटकों सहित कुल बीस लोगों को धारचूला पहुंचाया गया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 05:43 PM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 07:46 PM (IST)
उच्च हिमालय से 43 पर्यटकों सहित 86 लोगों को सेना के हेलीकॉप्‍टर से किया रेस्क्यू
उच्च हिमालयी दारमा से ग्यारह पर्यटक सहित बीस लोगों को पहुंचाया रेस्‍क्‍यू कर धारचूला पहुंचाया

संवाद सूत्र, धारचूला : उच्च हिमालय में फंसे पर्यटकों को हेलीकॉप्टर से निकालने का काम चौथे दिन भी जारी रहा। रविवार को सुबह से लेकर शाम तक मौसम अनुकूल रहने के कारण वायु सेना के एएसएल हेलीकॉप्टर से उच्च हिमालयी व्यास और दारमा घाटी में फंसे 43 पर्यटकों सहित 86 लोगों को रेस्क्यू कर लाया गया। जिसमें 65 लोगों को व्यास घाटी के गुंजी से और 21 लोगों को दारमा के ढाकर से लाया गया।

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रेस्क्यू के तहत सेना के चिनूक हेलीकाप्टर से व्यास घाटी के गुंजी से 65 लोगों को पिथौरागढ़ लाया गया। 65 लोगों में 32 पर्यटक शामिल थे। शेष स्थानीय व अन्य कार्यों से व्यास गए लोग थे। गुंजी से आए लोगों में ज्योलिंगकोंग में फंसे लोग भी बताए जा रहे हैं । मार्ग से काफी हद तक बर्फ हटने के कारण ज्योलिंगकोंग में फंसे लोग भी गुंजी पहुंच गए थे। कुटी के ग्रामीणों के अनुसार अब कुटी, ज्योलिंगकोंग में कोई भी व्यक्ति फंसा हुआ नहीं है।

प्रशासन का कहना है कि चार दिन के रेस्क्यू कार्य में फंसे लोगों को रेस्क्यू कर दिया गया है। अब फंसे लोगों की सूचना मिलने पर उन्हें भी हेलीकाप्टर से रेस्क्यू किया जाएगा। जिलाधिकारी के निर्देश पर दारमा घाटी के लिए हेलीकॉप्टर से दो सदस्यीय चिकित्‍सकों की टीम दुग्तू गांव को भेजी गई। चिकित्सा टीम दारमा में शिविर लगाकर ग्रामीणों का उपचार करेगी। इसके अलावा चीन सीमा पर स्थित अग्रिम पोस्टों के लिए 15 क्विंटल राशन भी भेजा गया।

बीते एक सप्ताह से उच्च हिमालय में फंसे देश के विभिन्न राज्यों के पर्यटक सुरक्षित रेस्‍क्‍यू होने पर बेहद खुश नजर आए। उन्होंने रेस्क्यू के लिए वायु सेना, सेना, राज्य सरकार और जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान का आभार जताया। पर्यटकों ने कहा कि बारिश के चलते मार्ग बंद होने से वह दारमा घाटी में थे परंतु उन्हें कहीं से भी फंसने जैसा अहसास नहीं हुआ। स्थानीय ग्रामीणों, सेना और प्रशासन द्वारा सारी व्यवस्थाएं की गई थी।

ज्योलिंगकोंग में भी दो दर्जन से अधिक फंसे

पर्यटकों के धारचूला पहुंचने पर धारचूला हेलीपैड पर सेना की कुमाऊं स्काउट की 832 लाइट रेजीमेंट ने पर्यटकों को चाय और नाश्ता कराया। दूसरी तरफ ज्योलिंगकोंग में भी दो दर्जन से अधिक लोग हैं। गुंजी ज्योलिंगकोंग मार्ग बर्फ से पटा है। बीआरओ बर्फ हटाकर मार्ग खोल रही है। मार्ग खुलने के बाद ज्योलिंगकोग में फंसे लोग गुंजी पहुंच सकेंगे। बीआरओ के अनुसार ज्योलिंगकोंग में मौजूद सभी लोग सुरक्षित हैं और किसी तरह की परेशानी नहीं है। मार्ग खोलने का कार्य तेजी के साथ चल रहा है।


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