12 किस्म की गुझिया घोलेगी होली के रंग में मिठास, नमकीन में भी तरह-तरह की वैरायटी
त्योहार कोई भी हो मिठाई के बिना अधूरा लगता है। इसलिए होली पर बाजार में जितने रंग सजे है उतने ही किस्म की मिठाई तैयार है।
हल्द्वानी, जेएनएन : त्योहार कोई भी हो, मिठाई के बिना अधूरा लगता है। इसलिए होली पर बाजार में जितने रंग सजे है, उतने ही किस्म की मिठाई तैयार है। ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए मीठे और नमकीन में वैराएटी बढ़ाई गई है। परंपरागत गुझिया भी अब 12 किस्म के स्वाद में उपलब्ध है। साथ ही केसर, बादाम मिक्स ठंडई का भी स्वाद लिया जा सकता है। इसके अलावा नमकीन में दाल मोठ, बेसन सेम, अचारी मठरी सहित अन्य कई वैराइटी मौजूद हैं।
स्वाद व सेहत के अनुसार गुझिया
होली पर सर्वाधिक मांग गुझिया की रहती है। ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए इस बार इसकी वैराएटी बढ़ाई गई है, जिससे हर तरह के ग्राहक अपनी सेहत व स्वाद के अनुसार गुझिया की खरीदारी कर सके। इनमें सादी गुझिया चासनी गुझिया, शुगर फ्री, ड्राई फ्रूट, केसरी, कोकोनेट, पोटली गुझिया, जूली, रस माधुरी, रस करलेस उपलब्ध है। जिसमें कम मीठे से लेकर सेहतमंद काजू, बादाम से भरी हुई गुझिया खास है। इनकी कीमत चार सौ से लेकर आठ सौ रुपये प्रतिकिलो तक है।
ठंडई का बढ़ रहा क्रेज
होली पर मिठाई तो आम बात है, लेकिन इस बार रेस्टोरेंट में तैयार घर जैसी ठंडई का स्वाद भी लिया जा सकता है। त्योहार के दिन व्यस्तता रहती है। मेहमानों की खातिरदारी के चलते फुर्सत नहीं मिलती। इसलिए लोगों की इस जरूरत को समझते हुए कुछ नामी रेस्टोरेंट में ठंडई भी तैयार की जा रही है। जिसे लोग घर पर आर्डर करके मंगवा सकते हैं।
ग्राहकों को लुभा रहे नए प्रयोग
नैनीताल रोड स्थित डीपीज नानक के आदित्य गुप्ता ने बताया कि लोग हमेशा ही कुछ नया चाहते हैं। इसलिए क्वालिटी के साथ इस बार वैराइटी पर फोकस किया गया है। जिससे हर तरह के ग्राहक अपनी जरूरत के अनुसार खरीदारी करें। होली पर जितनी डिमांड मिठाई की रहती है, उतनी ही नमकीन स्वाद वाले व्यंजनों की रहती है। हमने परंपरागत दाल मोठ में नए स्वाद के प्रयोग किए हैं।
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