Move to Jagran APP

चालखाल व खंतियां बनाकर नैना पीक की पहाड़ी का ट्रीटमेंट, तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत होंगे रिचार्ज

चाइना पीक या नैना पीक की पहाड़ी का कटाव रोकने तथा तलहटी के गांवो के पेयजल स्रोत रिचार्ज करने की दिशा में वन विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गई है। पहाड़ी में बरसाती पानी को रोकने के लिए चालखाल बना जा रहे हैं।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 08:36 PM (IST)
चालखाल व खंतियां बनाकर नैना पीक की पहाड़ी का ट्रीटमेंट, तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत होंगे रिचार्ज
नैनीताल वन प्रभाग के नैना रेंज के अंतर्गत ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया गया।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : शहर की सबसे ऊंची चोटी चाइना पीक या नैना पीक की पहाड़ी का कटाव रोकने तथा तलहटी के गांवो के पेयजल स्रोत रिचार्ज करने की दिशा में वन विभाग की ओर से पहल शुरू कर दी गई है। पहाड़ी में बरसाती पानी को रोकने के लिए चालखाल बना जा रहे हैं और चेकडैम बनाकर पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। 

loksabha election banner

चायना पीक पहाड़ी पर पिछले साल तीन बार भूस्खलन हुआ, जिससे निचले इलाकों की हजारों की आबादी दशहत में आ गई थी। पहाड़ी की संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन के अनुरोध पर विशेषज्ञ दल ने सर्वे किया था। नैनीताल की आबादी के ऊपर की पहाड़ी का फिलहाल ट्रीटमेंट शुरू नहीं हो सका है। जबकि दूसरी तरफ की पहाड़ी का ट्रीटमेंट कार्य शुरू हो चुका है। वन विभाग के अनुसार बारिश के पानी के बहाव की वजह से तलहटी के गांवों गैरीखेत, बुढ़लाकोट, च्यूरानी, अधौड़ा, पंगूठ, पाली में पानी के स्रोत भी प्रभावित हुए हैं। इसके बाद नैनीताल वन प्रभाग के नैना रेंज के अंतर्गत ट्रीटमेंट प्लान तैयार किया गया। |

अब नैना रेंज की वन क्षेत्राधिकारी ममता चंद के निर्देशन में पूरी पहाड़ी के दूसरी तरफ 50 हजार, 30 हजार व 20 हजार लीटर क्षमता के 15 चालखाल बनाने के साथ ही चेकडैम बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा रिचार्ज पिट तथा खंतियां बनाई जा रही हैं। रेंजर ममता के अनुसार किलबरी से जाख गांव तक वानस्पतिक चेकडैम बनाए जा रहे हैं। वनस्पतिक चेकडैम में पिरूल व जूट का प्रयोग होता है। यह काम नैना पीक की पहाड़ी से पंगूठ तक किया जा रहा है। वन विभाग को उम्मीद है कि इस ट्रीटमेंट से पहाड़ी के दूसरे तरफ भी भूस्खलन कम होगा और इससे पहाड़ी के तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत भी रिचार्ज होंगे। डीएफओ टीआर बीजूलाल ने बताया नैना पीक से पंगूठ तक पहाड़ी का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। इससे भूस्खलन रुकने के साथ ही पहाड़ी के तलहटी के गांवों के पेयजल स्रोत रिचार्ज होंगे। बरसात से पहले यह काम पूरे हो जाएंगे। 

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.