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मुनस्यारी जा रहे पर्यटक लौटने को हुए मजबूर, कारोबारियों ने कहा बर्बाद हो रहा पर्यटन कारोबार

शरदकालीन पर्यटन पर सड़कों ने रोड़ा लगा दिया है। सैकड़ों किमी का सफर तय कर पंचाचूली दर्शन के लिए मुनस्यारी और दारमा आने वाले पर्यटकों को लौटना पड़ रहा है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Sun, 06 Oct 2019 06:57 PM (IST)Updated: Sun, 06 Oct 2019 06:57 PM (IST)
मुनस्यारी जा रहे पर्यटक लौटने को हुए मजबूर, कारोबारियों ने कहा बर्बाद हो रहा पर्यटन कारोबार
मुनस्यारी जा रहे पर्यटक लौटने को हुए मजबूर, कारोबारियों ने कहा बर्बाद हो रहा पर्यटन कारोबार

पिथौरागढ़, जेएनएन : शरदकालीन पर्यटन पर सड़कों ने रोड़ा लगा दिया है। सैकड़ों किमी का सफर तय कर पंचाचूली दर्शन के लिए मुनस्यारी और दारमा आने वाले पर्यटकों को लौटना पड़ रहा है। इनमें कोलकाता के पर्यटक भी शामिल थे। पर्यटन प्रदेश के नाम से चर्चित उत्तराखंड में पर्यटकों को पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए सड़कों की दशा दयनीय है। इस समय प्रमुख पर्यटक स्थल मुनस्यारी पहुंचने के लिए पर्यटकों को मुनस्यारी पहुंचने से पूर्व ही लौटना पड़ रहा है। 

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शनिवार को थल-मुनस्यारी मार्ग पर थल से लगभग 50 किमी दूर गिनी बैंड के पास सड़क टूटने से बने ठोकर में हल्द्वानी से मुनस्यारी जा रहा एक ट्रक फंस गया। यहां पर ट्रक चौदह घंटे फंसा रहा। सिंगल सड़क होने से यातायात ठप हो गया। इस घटना के बाद थल की तरफ से मुनस्यारी की ओर जाने वाले पचास से अधिक वाहन फंस गए और मुनस्यारी से लौट रहे वाहनों को भी लौटना पड़ा।

थल की ओर से जाने वाले वाहनों में चार से पांच वाहन पर्यटक वाहन थे। सभी पर्यटक कोलकाता से आए थे। उनके द्वारा एक माह पूर्व मुनस्यारी में ऑनलाइन होटल बुक कराए थे। मुनस्यारी पहुंचने से पूर्व लगभग 22 किमी पीछे घंटों फंसने के बाद सैकड़ों किमी दूर से पहुंचे बंगाली पर्यटकों को मायूस होकर लौटना पड़ा। पश्चिम बंगाल से आए पर्यटक अमित विश्वास ने बताया कि वह बड़ी हसरत लेकर मुनस्यारी जा रहे थे परंतु मार्ग बंद होने के चलते मायूस होकर लौटना पड़ा है। पर्यटकों ने सड़कों की दशा पर भी रोष जताया।

बंद सड़क को लोनिवि द्वारा रविवार सुबह खोला गया तब फंसे वाहन निकल सके हैं। शनिवार सायं छह बजे से बंद मार्ग रविवार सुबह आठ बजे खुल सका है। इस सीजन में पर्यटकों की मुनस्यारी के बाद दूसरी पसंद दारमा रहती है। जहां पर्यटक पंचाचूली ग्लेशियर तक जाते हैं। दारमा मार्ग की हालत भी दयनीय है। धारचूला के तवाघाट से सोबला के बीच आए दिन मार्ग बंद हो रहा है। बंद मार्ग खुलने में दो से तीन दिन का समय लगता है। इसी मार्ग से गुजरात व महाराष्ट्र के पर्यटक प्रसिद्ध आध्यात्मिक पर्यटक स्थल नारायण आश्रम जाते हैं । मार्ग के अधिकांशत: बंद रहने से पर्यटकों की आवाजाही काफी कम है।

जर्जर रास्‍ते के कारण बर्बाद हो रहा पर्यटन कारोबार  

पीसी पांडेय, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन, मुनस्यारी ने बताया कि 25 सितंबर से मध्य नवंबर तक मुनस्यारी में सर्वाधिक पर्यटक आते हैं। जिसमें सबसे अधिक बंगाली पर्यटक रहते हैं। इस अवधि में सभी होटल, लॉज बुक हैं। परंतु थल से मुनस्यारी तक सड़क बदहाल होने से असर पड़ रहा है। इस बीच कई पर्यटक नाचनी से लौटे तो कई पर्यटक गिनी बैंड, बनिक से वापस लौटे हैं। जिससे पर्यटन व्यवसाय प्रभावित है। होटल व्यवसायियों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।


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