लोकगीतों पर थिरके यात्री, पकाए कुमाऊंनी व्यंजन
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : केएमवीएन की ओर से ग्रामीणों के साथ मिलकर शुरू की गई होम स्ट
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : केएमवीएन की ओर से ग्रामीणों के साथ मिलकर शुरू की गई होम स्टे योजना पर्यटकों को खूब भा रही है। होम स्टे की तरकीब, ग्रामीणों के अतिथि सत्कार ने कैलास मानसरोवर यात्रियों का दिल जीतने का काम किया है। चौथे दल के यात्रियों और लाइजनिंग ऑफिसर ने होम स्टे योजना की सराहना की।
कैलास यात्रियों को पहली बार होम स्टे वाले घरों में ठहराया जा रहा है। सीमांत के गांवों को खाली होने से बचाने व ग्रामीणों को घर पर ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए यह योजना शुरू की गई है। चौथे दल के एलओ अजय माकन ने बताया कि गांव की सीमा पर पहुंचे ग्रामीणों ने परंपरागत अंदाज में उनका स्वागत किया। टीका लगाकर, बाजे-गाजे के साथ यात्रियों को घरों में ले जाया गया। परंपरागत पहनावे, जेवर में सजी महिलाओं के साथ यात्री ने फोटो खिंचाई। यात्रियों ने लोकगीतों की धुन पर ग्रामीणों के ठुमके लगाए। दूसरे एलओ एसएम शर्मा ने कहा कि चूल्हे में लकड़ी की आंच में पके कुमाऊं के पारंपरिक व्यंजन का स्वाद कभी न भूलने जैसा था। यात्रियों ने ग्रामीणों के साथ मिलकर चूल्हे पर खाना पकाया तो परंपरागत परिधान पहन नृत्य किया। जिस आत्मीयता से ग्रामीण पेश आए, इससे खुश होकर यात्रियों ने 40 हजार रुपये इनाम के तौर पर ग्रामीणों को भेंट किए।
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औषधीय पौंध उगाने को दिए पांच हजार रुपये
देहरादून निवासी डॉ. नीलम रावत ने नाभी के ग्रामीणों को वन ककड़ी औषधीय पौंध की नर्सरी विकसित करने के लिए पांच हजार रुपये भेंट किया। अंतरिक्ष विभाग में कार्यरत डॉ. रावत जड़ी-बूटी में डिप्लोमा प्राप्त हैं। उन्होंने बताया कि नाभी गांव की जलवायु वन ककड़ी के लिए उपयुक्त है। वन ककड़ी का प्रयोग कैंसर के उपचार में होता है। इसकी काफी मांग रहती है।