कुमाऊं में तीन नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे, चार महाविद्यालयों को मिली पीजी की मान्यता
पिछले चार दिनों से लगातार दैनिक जागरण में उच्च शिक्षण संस्थाओं की पड़ताल करती खबरों का राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। कुमाऊं में तीन नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे और चार महाविद्यालयों को पीजी की मान्यता मिल गई है।
गणेश जोशी, हल्द्वानी : पिछले चार दिनों से लगातार दैनिक जागरण में उच्च शिक्षण संस्थाओं की पड़ताल करती खबरों का राज्य सरकार ने संज्ञान लिया है। कुमाऊं में तीन नए डिग्री कॉलेज खोले जाएंगे और चार महाविद्यालयों को पीजी की मान्यता मिल गई है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से डिग्री कॉलेजों में 44 तरह के प्रोफेशनल पाठ्यक्रमों की पढ़ाई होगी। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी इसकी घोषणा की है।
जागरण ने एक सितंबर से चार सितंबर तक पहाड़ में शिक्षा की हकीकत पर पड़ताल करती खबरें प्रकाशित की। शनिवार को अभियान का असर देखने को मिला। जहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रायपुर में प्रदेश में आठ कॉलेज खोलने की घोषणा की। इसमें हल्द्वानी, दन्यां व गदरपुर के तीन कॉलेज भी हैं। वहीं कुमाऊं के जिन चार कॉलेजों को पीजी का दर्जा देने की घोषणा की गई है। इसमें मुनस्यारी, कपकोट, सोमेश्वर व हल्दूचौड़ शामिल है। जागरण ने इन कॉलेजों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया था। इससे क्षेत्र के विद्यार्थियों को नए विषयों के अध्ययन के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
शनिवार को उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने जागरण संवाददाता से विशेष बातचीत में बताया कि आज की जरूरत के अनुसार स्वरोजगारपरक पाठ्यक्रमों को बढ़ावा देने की जरूरत है। इसलिए महाविद्यालयों में स्वरोजगारपरक 44 पाठ्यक्रम शुरू करने का फैसला लिया है। राज्य के युवा इन विषयों का प्रशिक्षण हासिल कर कहीं पर भी रोजगार शुरू कर सकेंगे।
नए विषयों से मिलेगी बड़ी राहत
जागरण ने पीजी में महत्वपूर्ण विषय न होने का मुद्दा भी उठाया था। इसे लेकर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि महाविद्यालयों में पीजी के 63 विषय शुरू किए जाएंगे। नए विषयों के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
ये होंगे स्वरोजगारपरक पाठ्यक्रम
योग, कंप्यूटर, टूरिज्म, टूर एंड ट्रैवल्स, इंटरनेट, तकनीकी, गाइडेंस एंड काउंसलिंग, ऑफिस मैनेजमेंट आदि पाठ्यक्रम हैं। इसमें छह महीने का सार्टिफिकेट कोर्स व एक साल का डिप्लोमा कोर्स शामिल है। उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि उच्च शिक्षा में ताबड़तोड़ निर्णय लिए जा रहे हैं। दूरस्थ क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को स्वरोजगारपरक शिक्षा मिल सके, इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की जरूरत के अनुसार स्वरोजगारपरक पाठ्यक्रमों का लाभ जल्द देखने को मिलेगा।