इस बार रामनगर में नहीं आयोजित होगा तीन दिवसीय राज्य स्तरीय वसंतोत्सव
कोविड के डर से पटरी से उतर चुकी व्यवस्था अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। लेकिन अभी भी कोरोना का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। यही वजह है कि पिछले 27 साल से अनवरत चल रहे ऐतिहासिक वसंतोत्सव का आयोजन इस बार स्थगित रखा गया है।
रामनगर, जागरण संवाददता : कोविड के डर से पटरी से उतर चुकी व्यवस्था अब धीरे-धीरे सामान्य हो रही है। लेकिन अभी भी कोरोना का खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। यही वजह है कि पिछले 27 साल से अनवरत चल रहे ऐतिहासिक वसंतोत्सव का आयोजन इस बार स्थगित रखा गया है। कोरोना के खतरे को देखते हुए इस बार इसे स्थगित करने का निर्णय लिया गया है।
प्रगतिशील सांस्कृतिक समिति पैठपड़ाव वसंत पंचमी के दिन तीन दिवसीय राज्य स्तरीय वसंतोत्सव का आयोजन करती आई है। तीन दिन तक चलने वाले इस आयोजन में परंपरागत वेषभूषा में सजधज कर कालाकारों की टीम जुलूस के रूप में घूमकर कुमाऊं व गढ़वाल की संस्कृति को आकर्षक सजीव झांकियों के जरिए जीवंत बनाती है। इसके बाद पर्वतीय अंचलों से आए अनुभवी कलाकार अपने क्षेत्र की संस्कृति, लोकगाथा, लोकगीतों व पंरपरा का सजीव रूप से मंचन करते हैं। चयन के आधार पर अच्छी टीम व कलाकारों को पुरस्कृत किया जाता है।
आयोजन को देखने के लिए नगर के अलावा दूर दराज क्षेत्रों से लोग मंचन देखने पहुंचते हैं। ऐंपण व मेहंदी प्रतियोगिता को भी इस आयोजन में बढ़ावा दिया जाता है। अंतिम दिन उत्तराखंड के जाने माने लोकगायकों का भी वसंतोत्सव में जमावड़ा रहता है। इस बार रामनगर में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं। कोविड के नियमों का उल्लघंन हो इसके लिए समिति के पदाधिकारियों ने इस बार वंसतोत्सव स्थगित रखने का फैसला किया है। समिति के सचिव दीप चंद्र जोशी ने बताया कि कोविड 19 के चलते संक्रमण के डर से कार्यक्रम को इस वर्ष स्थगित किया जा रहा है। पिछले 27 सालों से लगातार वसंतोत्सव के आयोजन को समिति करती आई है।