प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में गुरुवाणी से संगत निहाल, हजारों लोगों ने छका लंगर nainital news
गुरु गोविंद सिंह के 5वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रामलीला मैदान में रविवार को कीर्तन दरबार व गुरमत समागम का आयोजन हुआ।
हल्द्वानी, जेएनएन : गुरु गोविंद सिंह के 353वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में रामलीला मैदान में रविवार को कीर्तन दरबार व गुरमत समागम का आयोजन हुआ। भव्य पंडाल में मुख्य ग्रंथी सरदार अमरीक सिंह ने सुबह छह बजे अखंड पाठ पूर्ण कराया। गुरु नानक सेवक जत्थे के भाई जसपाल सिंह, साथियों व खालसा स्कूल की छात्राओं ने गुरुवाणी का गायन कर संगत को निहाल किया।
देहरादून से आए प्रचारक ज्ञानी बलविंदर सिंह ने गुरु साहिब के जीवन से जुड़े वृतांत सुनाए। कहा कि खुद का जीवन मानवता की भलाई, परोपकार में लगाते हुए किसी भी तरह के डर में जीने की जरूरत नहीं है। गुरु साहिब ने सभी के मन में अपने-अपने धर्म के प्रति पक्का रहने व स्वतंत्रता से जीने का साहस जगाया है। व्यक्ति को जाति, धर्म व ऊंच-नीच के दिखावे के बंधन को तोड़कर ईश्वर की उपासना करनी चाहिए। जुल्म, अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाना सच्चे मानव का कर्तव्य है।
लुधियाना से आए भाई बलप्रीत सिंह व साथियों ने 'ऐसे गुर को बल-बल जाइये..' और 'सतगुरु की सेवा सफल है जे को करे चित लाए..' का गायन किया। इस दौरान गुरु का लंगर अटूट बरतते रहा और हजारों लोगों ने लंगर छका। वजीर भाई अमरीक सिंह ने अरदास के साथ समागम का समापन किया। अध्यक्ष सरदार रणजीत सिंह ने गुरु पर्व को सफल बनाने के लिए संगत का आभार जताया।
जगजीत सिंह, जसवंत सिंह के संचालन में हुए कार्यक्रम में भाई जसपाल सिंह, नरेंद्रजीत सिंह रोडू, पूर्व अध्यक्ष अमरजीत सिंह सेठी, मुख्य सेवादार अमरजीत सिंह बिंद्रा, अमरीक सिंह आनंद, नरेंद्र सिंह भोगल, सोहन सिंह, राजेंदर सिंह, सतविंदर कौर, जसबीर कौर, रविंदर कौर, भूपेंदर कौर, रविंदरपाल सिंह, तजिंदर सिंह, बलविंदर सिंह आदि मौजूद रहे।