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Scholarship scam दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में नैनीताल जिले में तीसरा मुकदमा

बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही नैनीताल पुलिस की एसआइटी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की एक और प्राइवेट आइटीआइ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 08:52 AM (IST)Updated: Tue, 01 Oct 2019 08:52 AM (IST)
Scholarship scam दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में नैनीताल जिले में तीसरा मुकदमा
Scholarship scam दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में नैनीताल जिले में तीसरा मुकदमा

हल्द्वानी, जेएनएन : बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही नैनीताल पुलिस की एसआइटी ने उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की एक और प्राइवेट आइटीआइ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। आइटीआइ प्रबंधन ने बिचौलिये और बैंक प्रबंधन की मिलीभगत से सात छात्रों के नाम पर करीब 2.90 लाख रुपये की छात्रवृत्ति का गबन किया था। इससे पहले जिले की एसआइटी उत्तर प्रदेश के हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी व सहारनपुर जिले की ओम संतोष आइटीआइ के खिलाफ भी दो मुकदमे दर्ज कर चुकी है। 

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एक आरटीआइ से हरिद्वार व देहरादून जिले में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला उजागर होने के बाद उच्च न्यायालय ने राज्य के अन्य जिलों में दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले की जांच एसआइटी से कराने के आदेश दिए थे। एसआइटी ने समाज कल्याण विभाग नैनीताल से वर्ष 2011-12 से 2019-20 तक वितरित दशमोत्तर छात्रवृत्ति का रिकार्ड लिया। टीम ने 150 सरकारी और संस्थागत इंटर कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों के 1800 स्टूडेंट्स का सत्यापन किया। इसके अलावा बाहरी राज्यों के 62 शिक्षण संस्थान भी एसआइटी ने जांच के दायरे में लिए। इन्हें जिला समाज कल्याण विभाग नैनीताल से दशमोत्तर छात्रवृत्ति भेजी गई थी। एसआइटी के मुताबिक उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की कृष्णा आइटीआइ कमालपुर, छुटमलपुर को भी जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय से सात छात्रों की छात्रवृत्ति के रूप में 2,89,100 रुपये शाखा प्रबंधक पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर जनपद सहारपुर को भेजी गई थी। 

इन सातों छात्रों के खाते पीएनबी फतेहपुर में खोले गए थे। एसआइटी ने छात्रवृत्ति के लाभार्थियों से पूछताछ की तो पता चला कि किसी भी छात्र ने कृष्णा आइटीआइ में पढ़ाई नहीं की और न छात्रवृत्ति ली। छात्रों ने बताया कि कुछ लोग वर्ष 2014 में उनके पास आकर डिग्री व छात्रवृत्ति मिलने के झूठे आश्वासन देकर शैक्षिक अभिलेख मांगकर ले गए थे। एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने बताया कि जांच में पता चला कि कृष्णा आइटीआइ कमालपुर, छुटमलपुर के प्रधानाचार्य ने बिचौलिये के माध्यम से रामनगर क्षेत्र के छात्रों को चिह्नित कर उनके प्रमाण पत्र लिए। इसके बाद जिला समाज कल्याण अधिकारी नैनीताल के कार्यालय अभिलेखों में अपने यहां शिक्षा ग्रहण करना दर्शाकर सातों छात्रों की छात्रवृत्ति प्राप्त कर ली। एसआइटी के दारोगा दान सिंह मेहता की ओर से प्रधानाचार्य, कृष्णा आइटीआइ, बिचौलिये व पंजाब नेशनल बैंक फतेहपुर (सहारनपुर) के अफसर व कर्मचारियों के विरुद्धआपराधिक षडय़ंत्र रचकर फर्जी दस्तावेज से सरकारी धन के गबन का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

एसआइटी की जांच जारी, और मुकदमें होंगे दर्ज

सुनील कुमार मीणा, एसएसपी, नैनीताल ने बताया कि दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में एसआइटी की जांच के बाद भीमताल थाने में तीसरे शिक्षण संस्थान, बिचौलिये व बैंक प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। एसआइटी की जांच अभी जारी है। जैसे-जैसे छात्रवृत्ति गबन के मामले सामने आएंगे, साक्ष्य एकत्र कर मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा। 


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