पुलिस के साथ आश्रय को भटकती रही युवती, मदद का दम भरने वाली संस्थाओं ने किया किनारा
वन स्टॉप सेंटर नारी निकेतन चाइल्ड लाइन महिला व बाल विकास विभाग भारी संख्या में गैर सरकारी संस्थाएं सभी महिलाओं के हक की बात करती नजर आती हैं। लेकिन लावारिस घूमती मिली युवती को कुछ दिनों तक आश्रय देने में सभी जगह नियम आड़े आ गए।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : महिलाओं के आश्रय, सहायता व अन्य उपायों के लिए भले ही सरकार के विभिन्न अंग दिखाई देते हों, लेकिन वह मौके पर काम भी आएं तो इसकी कोई गारंटी नहीं है। वन स्टॉप सेंटर, नारी निकेतन, चाइल्ड लाइन, महिला व बाल विकास विभाग, भारी संख्या में गैर सरकारी संस्थाएं सभी महिलाओं के हक की बात करती नजर आती हैं। लेकिन लावारिस घूमती मिली युवती को कुछ दिनों तक आश्रय देने में सभी जगह नियम आड़े आ गए।
कालाढूंगी थाना क्षेत्र के बैलपड़ाव पुलिस चौकी को 19 अप्रैल को लावारिस लड़की की सूचना मिली। पुलिस ने मामले की सूचना चाइल्ड हेल्प लाइन को दी। चाइल्ड हेल्प लाइन व पुलिस का कहना है कि लड़की मानसिक रूप से अस्वस्थ है और अपने बारे में कुछ बता नहीं पा रही है। लड़की की उम्र 18 से 19 वर्ष तक है। चाइल्ड लाइन समन्वयक विनोद चंद्र टम्टा ने काफी प्रयास के बाद लड़की को वन स्टाप सेंटर भेज दिया। एक दिन रहने के बाद उसे फिर से पुलिस के पास भेज दिया गया। दूसरे दिन उसे नारी निकेतन भेजा गया। जहां एक रात बिताने के बाद उसे फिर से पुलिस के पास भेज दिया गया।
जिला प्रोवेशन अधिकारी व्यौमा जैन का कहना है कि बिना मजिस्ट्रेट की अनुमति के वह लड़की को परिसर में नहीं रख सकती हैं। ऐसे में बुधवार देर शाम तक लड़की को कोई आश्रय नहींं मिल सका। ऐसे में उसे थाने में रखा गया। पुलिस ने प्रशासन से बात करके उसे अब देहरादून सेलाकुई स्थित मानसिक रोगी अस्पताल भेजने की योजना बनाई है। कालाढूंगी थाना प्रभारी दिनेश नाथ महंत ने बताया कि गुरुवार की सुबह युवती को देहरादून भेज दिया जाएगा। जहां उसका इलाज होगा।
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