खरीदार न मिलने से श्यामखेत में चाय डंप
नैनीताल जनपद के विश्व प्रसिद्ध श्यामखेत चाय बागान में भी लॉकडाउन का खासा असर दिखा है। चाय बागान में स्थित फैक्ट्री में निर्मित चाय के खरीदार नहीं मिलने के कारण चाय को डंप कर दिया गया है।
संस, भीमताल : नैनीताल जनपद के विश्व प्रसिद्ध श्यामखेत चाय बागान में भी लॉकडाउन का खासा असर दिखा है। चाय बागान में स्थित फैक्ट्री में निर्मित चाय के खरीदार नहीं मिलने के कारण चाय को डंप कर दिया गया है।
इस बार यहां चाय पत्तियों का अच्छा उत्पादन हुआ था। जब इसकी बिक्री का समय आया तो कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित हो गया। नतीजतन यहां चाय के खरीदार ही नहीं आए और चाय बागान प्रबंधन के आगे चाय पत्ती को डंप करने के सिवाय कोई चारा नहीं रहा। इस बार श्यामखेत में पांच हजार किलो चाय पत्तियों का उत्पादन हुआ। चाय की पत्तियों की प्रोसेसिंग के बाद उसकी कुल मात्रा का लगभग 22 प्रतिशत चाय तैयार होती है। अब पूरी प्रक्रिया के बाद इसकी नीलामी की जाएगी। जून माह में चाय बागान को लगभग 18 लाख का नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष जून माह में जहां चाय बागान के सेल काउंटर से लगभग 18 लाख की बिक्री हुई थी, वहीं वर्तमान में यह बिक्री एक लाख से भी काफी कम है।
इधर चाय बागान प्रबंधन की मानें तो कोलकाता आदि शहरों में इस चाय की नीलामी की जा सकती है। मालूम हो कि भवाली के समीप श्यामखेत में 30 एकड़ में यह विश्व प्रसिद्ध चाय बागान है। यहां हर वर्ष उत्पादित चाय की काउंटर सेल हो जाती है। पूरे वर्ष हजारों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं और यहां चाय बागान में ही चाय पत्तियों से चाय निर्माण की प्रक्रिया को देखते हुए इसकी काउंटर से ही इसकी खरीद कर लेते हैं। इस बार पर्यटक नहीं आने से पूरे चाय बागान में सन्नाटा पसरा हुआ है।
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इस बार पर्यटक नहीं आने से काउंटर से श्यामखेत में निर्मित चाय की बिक्री काफी कम हुई है। अब चाय पत्तियों से चाय बनाने तक की पूरी प्रक्रिया करने के बाद उसे नीलाम कर दिया जाएगा।
-नवीन पांडे, प्रबंधक चाय बोर्ड श्यामखेत