Budget 2021 : औद्योगिक विकास के साथ सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन
रेल बजट प्रस्तुत होने का समय करीब आते ही टनकपुर- बागेश्वर रेल लाइन के निर्माण की उम्मीद भी हिलोरें मारने लगी है। यह उम्मीद बलवती इसलिए हो गई है कि पूर्वोत्तर रेलवे ने लाइन का सर्वे पूरा कर उसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
चम्पावत, जागरण संवाददाता : रेल बजट प्रस्तुत होने का समय करीब आते ही टनकपुर- बागेश्वर रेल लाइन के निर्माण की उम्मीद भी हिलोरें मारने लगी है। यह उम्मीद बलवती इसलिए हो गई है कि पूर्वोत्तर रेलवे ने लाइन का सर्वे पूरा कर उसे रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए टनकपुर रेल पथ निर्माण संघर्ष समिति ने प्रधानमंत्री और रेल मंत्री को ज्ञापन भेजकर अबकी बार रेल लाइन के निर्माण का प्रस्ताव रेल बजट में शामिल करने की मांग की है।
पिछले वर्ष नवंबर माह में पूर्वोत्तर रेलवे के जीएम बीके त्रिपाठी ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का अपडेटिंग सर्वे का काम पूरा होने की जानकारी देते हुए सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड को भेजे जाने की बात कही थी। जिसके बाद रेल लाइन के निर्माण की उम्मीदें परवान चढ़ गई थीं। लोगों का कहना है कि जब तक रेल लाइन के लिए बजट जारी नहीं किया जाता लाइन बिछने की उम्मीद नहीं की जा सकती। इसी सिलसिले में टनकपुर-बागेश्वर रेल पथ निर्माण संघर्ष समिति ने रेल लाइन निर्माण के प्रस्ताव को बजट में शामिल करने की मांग तेज कर दी है।
नेताजी सुभाष लोक सेवा समिति के संयोजक दिनेश चंद्र शास्त्री ने बताया कि समति लंबे समय से रेल लाइन निर्माण की मांग कर रही है। उनका कहना है कि अंग्रेजों के समय से प्रस्तावित रेल लाइन के निर्माण के लिए अब तक की सभी सरकारों ने पहाड़ की जनता को निराश किया है। उन्होंने बताया कि इस बार टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को बजट में शामिल नहीं किया गया तो पहाड़ की जनता का विश्वास सरकार से उठ सकता है।
रेल पथ निर्माण संघर्ष समिति के अध्यक्ष गंगा गिरि गोस्वामी का कहना है कि पहाड़ में औद्योगिक विकास के साथ देश की सीमा की सुरक्षा के लिए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का निर्माण होना जरूरी है। अंग्रेजी हुकूमत ने इसे बनाने का प्रस्ताव तैयार किया था। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। बताया कि समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री पीयूष गोयल को ज्ञापन फैक्स कर इस बार बजट में टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन को प्राथमिकता देने की मांग की है।
पहाड़ के विकास के लिए जरूरी है परियोजना
राज्य आंदोलनकारी एडवोकेट नवीन मुरारी, बृजेश माहरा, चम्पावत विकास संघर्ष समिति के अध्यक्ष वसंत तड़ागी, व्यापारी मोनू अग्रवाल, भाजपा नेता संजीव आर्या आदि का कहना है कि पहाड़ के विकास के लिए रेल परियोजना सबसे अच्छा विकल्प है। रेल जब तक पहाड़ पर नहीं चढ़ती तब तक पहाड़ के विकास की बातें करना बेईमानी है। इनका कहना है कि वर्तमान में देश के हालातों को देखते हुए सीमांत क्षेत्र के विकास के लिए रेल लाइन बनना जरूरी है। उम्मीद जताई कि इस बार पहाड़ की जनता को बजट में रेल लाइन का तोहफा मिलेगा। उन्होंने सर्वे का स्वागत करते हुए कहा कि जब तक बजट जारी नहीं होता रेल लाइन बिछने का सपना पूरा नहीं हो सकता।
6966.33 करोड़ की लागत से 154.58 लंबी लाइन बिछाने का प्रस्ताव
पूर्वोत्तर रेलवे ने टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन का सर्वे कर प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। टनकपुर से बागेश्वर तक 6966.33 करोड़ की लागत से 154.58 लंबी रेलवे लाइन बिछाने का प्रस्ताव है। इससे चम्पावत, अल्मोड़ा, और बागेश्वर लाभांवित होंगे और जनता का सफर भी सुगम होगा। रेलवे ने वर्ष 2006-07 में रेल लाइन का सर्वे किया था लेकिन लेकिन आगे की कार्रवाई नहीं हो पाई। वर्ष 2019-20 में दुबारा सर्वे का काम किया गया इज्ज्जत नगर मंडल के डीआरएम आशुतोष पंत ने बताया कि गत वर्ष नवंबर माह में ही सर्वे रिर्पोट रेलवे बोर्ड को भेजी जा चुकी है। सर्वे के मुताबिक 13 क्रासिंग स्टेशन, एक टर्मिनल स्टेशन बनाया जाना है। स्टेशन टनकपुर, पूर्णागिरी रोड, कालढूंगा, पोलाबन, धनोर, पंचेश्वर, कालीघाट, बिरकोला, नयाल, सल्यूर, जमनी, रालखोलीचक और बागेश्वर में बनेंगे। इसके इलावा 93 बड़े और 183 ब्रिज भी प्रस्तावित हैं।