कुमाऊं विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे स्वामी विवेकानंद, वेद और उपनिषद
विज्ञान के मूल में भी भारतीय प्राचीन ज्ञान वेद वेदांगों उपनिषद व संहिताओं का विशेष योगदान है। इसलिए उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।
जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा है कि उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद, संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि शामिल किए जाएंगे। सोमवार को हरमिटेज भवन में आयोजित राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में कुलपति ने इसकी घोषणा की।
उन्होंने कहा कि विज्ञान के मूल में भी भारतीय प्राचीन ज्ञान वेद, वेदांगों, उपनिषद व संहिताओं का विशेष योगदान है। इसलिए उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद, संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।
इस दौरान मुख्य अतिथि अपर प्रमुख वन संरक्षक डा. कपिल जोशी ने स्थानीय प्राचीन जीवन शैली में उपयोग होने वाली वस्तुओं और तौर-तरीके के वैज्ञानिक पक्ष पर जोर देते हुए पर्यावरण संरक्षण पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। आयोजक हरीश राणा ने चेली आर्ट द्वारा लगाई गई स्थानीय हस्त शिल्प प्रदर्शनी के लिए संस्था की डा. किरन जोशी व प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। संचालन सहायक निदेशक डा. रितेश साह ने किया। इस अवसर पर प्रो. नीता बोरा शर्मा, डा. हृदयेश शर्मा, डा. भूमिका प्रसाद, डा. रुचि मित्तल, डा. मंजू चंद्रा, अविनाश जाटव, डा. दीपा मेहरा, मुकेश रावत, गोपाल सिजवाली, तरुण राज, हिमांशु कुमार, कंचन, डा. गौरव कुमार ने विचार रखे।