Move to Jagran APP

कुमाऊं विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल होंगे स्वामी विवेकानंद, वेद और उपनिषद

विज्ञान के मूल में भी भारतीय प्राचीन ज्ञान वेद वेदांगों उपनिषद व संहिताओं का विशेष योगदान है। इसलिए उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 09:28 PM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 09:28 PM (IST)
संगोष्ठी में कुलपति प्रो. एनके जोशी ने इसकी घोषणा की।

जागरण संवाददाता, नैनीताल : कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने कहा है कि उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद, संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि शामिल किए जाएंगे। सोमवार को हरमिटेज भवन में आयोजित राजनीति विज्ञान विभाग की ओर से आयोजित संगोष्ठी में कुलपति ने इसकी घोषणा की। 

loksabha election banner

उन्होंने कहा कि विज्ञान के मूल में भी भारतीय प्राचीन ज्ञान वेद, वेदांगों, उपनिषद व संहिताओं का विशेष योगदान है। इसलिए उच्च शिक्षा के विकास के लिए विवि के पाठ्यक्रमों में स्वामी विवेकानंद, संस्कृत एवं वेद-उपनिषद आदि को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है।

इस दौरान मुख्य अतिथि अपर प्रमुख वन संरक्षक डा. कपिल जोशी ने स्थानीय प्राचीन जीवन शैली में उपयोग होने वाली वस्तुओं और तौर-तरीके के वैज्ञानिक पक्ष पर जोर देते हुए पर्यावरण संरक्षण पर विस्तृत जानकारी प्रदान की। आयोजक हरीश राणा ने चेली आर्ट द्वारा लगाई गई स्थानीय हस्त शिल्प प्रदर्शनी के लिए संस्था की डा. किरन जोशी व प्रतिभागियों का धन्यवाद किया। संचालन सहायक निदेशक डा. रितेश साह ने किया। इस अवसर पर प्रो. नीता बोरा शर्मा, डा. हृदयेश शर्मा, डा. भूमिका प्रसाद, डा. रुचि मित्तल, डा. मंजू चंद्रा, अविनाश जाटव, डा. दीपा मेहरा, मुकेश रावत, गोपाल सिजवाली, तरुण राज, हिमांशु कुमार, कंचन, डा. गौरव कुमार ने विचार रखे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.