कोसी, दाबका व नंधौर में खनन टारगेट को लेकर असमंजस, फिर होगा सर्वे
पिछली बार गौला की सर्वे रिपोर्ट को लेकर खान विभाग ने सवाल खड़े किए थे। इस बार कोसी दाबका व नंधौर के सर्वे के बाद उपखनिज निकासी के टारगेट को लेकर भी यही स्थित है। ऐसे में संयुक्त कमेटी पुन नदी के चुगान क्षेत्र का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी।
हल्द्वानी, जागरण संवाददाता : पिछली बार गौला की सर्वे रिपोर्ट को लेकर खान विभाग ने सवाल खड़े किए थे। इस बार कोसी, दाबका व नंधौर के सर्वे के बाद उपखनिज निकासी के टारगेट को लेकर भी यही स्थित है। ऐसे में एक संयुक्त कमेटी पुन: नदी के चुगान क्षेत्र का आकलन कर रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी माह यह संयुक्त सर्वे होगा। इसके पीछे राजस्व नुकसान को वजह माना जा रहा है।
गौला, कोसी, दाबका, नंधौर आदि नदियों में केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम द्वारा सर्वे किया जाता है। जिसके बाद उपखनिज निकासी का लक्ष्य निर्धारित होता है। पिछले साल गौला की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए खान विभाग ने शासन से दोबारा सर्वे की मांग की थी। पुन: आंकलन के बाद टारगेट बढ़ भी गया। वहीं, इस बार गौला, नंधौर, कोसी व दाबका नदी का सर्वे केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम द्वारा करने के बाद गौला को छोड़ अन्य नदियों का लक्ष्य भी जारी कर दिया गया।
इसके मुताबिक कोसी में 455628 घनमीटर, दाबका में 63837 घनमीटर व नंधौर में 518575 घनमीटर उपखनिज निकालने की परमिशन मिली है। वहीं, जिला खान अधिकारी रवि नेगी के मुताबिक पूर्व की तुलना में यह टारगेट कम होने की वजह से संयुक्त कमेटी अपने स्तर पर तीनों नदियों का निरीक्षण कर रिपोर्ट बनाएगी।
शासन का आदेश लागू हो गया : हाल में सरकार ने आदेश जारी किया था कि अब नदियों से निकासी का लक्ष्य सिर्फ केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान द्वारा नहीं बल्कि सात अलग-अलग महकमों के अफसरों द्वारा किया जाएगा। यानी पूरी टीम मिलकर संयुक्त निरीक्षण करेगी। हालांकि, आदेश जारी होने से पहले केंद्रीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान की टीम सर्वे कर चुकी थी। अब तीन नदियों के टारगेट पर सवाल खड़ा होने की वजह से इसी सत्र से शासन का आदेश भी लागू हो गया।