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    बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई में उठी ये दो खास बातें, सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ाई तारीख

    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:19 PM (IST)

    बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई, जिसमें रेलवे ने 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता बताई। कब्जेदारों के अधिवक्ताओं ने रेलवे की मांग का विरोध किया और प्रधानमंत्री आवास योजना का मुद्दा उठाया। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तारीख बढ़ा दी, जिसकी घोषणा बाद में की जाएगी।

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    सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे व राज्य सरकार को मामले में दो माह आगे की तिथि दी। प्रतीकात्‍म‍क

    जागरण संवाददाता, हल्द्वानी । बहुचर्चित बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले की सुनवाई शुक्रवार को दिल्ली सुप्रीम कोर्ट में हुई। मामले में कोर्ट ने कब्जेदारों के साथ रेलवे व सरकार पक्ष की दलीलों को सुना। सभी पक्ष की सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की सुनवाई अगली तिथि तक स्थगित कर दी है। सूत्रों के अनुसार अगली सुनवाई दो माह बाद होगी। तिथि को लेकर कोई स्पष्ट आदेश नहीं आया है।

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    शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत व जस्टिस जयमाला बागची की बेंच ने बनभूलपुरा रेलवे अतिक्रमण मामले में सुनवाई की। इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय में रेलवे विभाग ने बताया रेल सेवाओं के विस्तार में निर्माण के लिए 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। वहीं इस पर हुए अतिक्रमण को जल्द खाली कराते हुए भूमि रेलवे को यथाशीघ्र देने के लिए न्यायालय से अनुरोध किया। सुनवाई में रेलवे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी व उत्तराखंड सरकार से अभिषेक अत्रे उपस्थित रहे।

    कब्जेदारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद, प्रशांत भूषण सहित अन्य ने सुनवाई में उनका पक्ष रखा। इनके अधिवक्ताओं ने दो प्रमुख बिंदु उठाते हुए कहा कि रेलवे जिस भूमि की मांग कर रहा है, वह पूर्व में नहीं थी। वहीं रिटेनिंग वाल के निर्माण होने से रेलवे के इंफ्रास्ट्रक्चर को अब कोई नुकसान नहीं है।

    दूसरे बिंदु में कहा कि लंबे समय से बनभूलपुरा में बसे लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ देने की बात हो रही है, जो बिल्कुल अनुचित है। इसका रेलवे के अधिवक्ताओं ने विरोध किया। सुनवाई के अंत में सर्वोच्च न्यायालय ने दूसरी तिथि दी। कहा कि तिथि आर्डर में लिखकर दी जाएगी। अगली तिथि अब तक स्पष्ट नहीं हुई है।

    रेलवे का दावा 30 एकड़ भूमि पर 4365 घरों का अतिक्रमण

    हल्द्वानी रेलवे स्टेशन से लगे बनभूलपुरा में रेलवे ने ट्रैक किनारे करीब 30 एकड़ भूमि को अपना बताया है। इस जगह नगर निगम भी अपनी भूमि का दावा करती हैं। इस भूमि पर करीब 4365 घर अतिक्रमण की जद में बताए गए हैं। वर्ष 2023 में हाईकोर्ट ने यहां से अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन किसी कारण कार्रवाई नहीं हो पाई। इसके बाद अतिक्रमण कारी सुप्रीम कोर्ट चले गए। करीब तीन वर्षों से सुप्रीम कोर्ट में अतिक्रमण मामले में केस चल रहा है।

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