Move to Jagran APP

भीमताल डैम की सपोर्टिंग दीवार गिरी, अधिकारी बोले- कोई खतरा नहीं

रविवार की देर रात क्षेत्र में तेज हवा चल रही थी। रात करीब दो बजे झील में ऊंची-ऊंची लहर उठने लगीं जिससे सारा दबाव डैम की एक मात्र दीवार पर आ गया। इसके चलते डैम की दीवार की सुरक्षा के लिए बनाई गई सपोर्टिंग दीवार गिर गई।

By Ganesh PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 07:39 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 07:39 PM (IST)
भीमताल डैम की सपोर्टिंग दीवार गिरी, अधिकारी बोले- कोई खतरा नहीं
बताया जा रहा है कि तेज हवाओं से यह दीवार गिरी है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

जागरण संवाददाता, भीमताल : भीमताल डैम को सहारा देने के लिए बनाई गई दीवार रविवार देर रात ढह गई। हालांकि इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का भी कहना है कि इससे कोई खतरा उत्पन्न नहीं हुआ है, मगर आसपास रहने वाले लोग डरे हुए हैं। बताया जा रहा है कि तेज हवाओं से यह दीवार गिरी है। इसकी जानकारी उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।

loksabha election banner

स्थानीय लोगों के मुताबिक, रविवार की देर रात क्षेत्र में तेज हवा चल रही थी। रात करीब दो बजे झील में ऊंची-ऊंची लहर उठने लगीं, जिससे सारा दबाव डैम की एक मात्र दीवार पर आ गया। इसके चलते डैम की दीवार की सुरक्षा के लिए बनाई गई सपोर्टिंग दीवार गिर गई। वार्ड मेंबर भुवन पडियार ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से दीवार का कार्य शीघ्र प्रारंभ करने की मांग की है। कहा है कि डैम में सुरक्षात्मक कार्य को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधि कई बार आवाज उठा चुके हैं, मगर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इससे स्थानीय जनता में अब विभाग और प्रशासन के खिलाफ रोष पनपने लगा है।

पीएमओ तक मामला पहुंचने पर भी कार्यवाही नहीं

भीमताल डैम 1880 के दशक मेें उड़द की दाल और चूने से तैयार की गई थी। उस समय के अंग्रेज इंजीनियरों ने इसकी उम्र 100 साल नियत की थी। इसको बनाने का उद्देश्य पानी इकट्ठा करने के बाद उसे तराई में सिंचाई के लिए उपलब्ध कराना था। मगर 140 साल बीत जाने के बाद भी इसकी कोई मरम्मत नहीं की गई है। सिंचाई विभाग बस हर वर्ष थोड़ा बहुत इसके रंगरोगन पर खर्च कर देता है। मामले को सामाजिक कार्यकर्ता पूरन वृजवासी और मंडल अध्यक्ष भाजपा मनोज भट्ट ने प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचाया है, पर यह मामला भी अब कई माह बीतने के बाद भी आगे नहीं बढ़ पाया है।

नीचे बस्ती को हो सकता है खतरा

सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि डैम की सपोर्टिंग दीवार के टूटने से डैम को अभी कोई खतरा नहीं है, मगर स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सिंचाई विभाग ने डैम की दीवार शीघ्र नहीं बनाई तो डैम के नीचे की तरफ रहने वाले पर्यावरण मित्रों की बस्ती को खतरा हो सकता है। सरपंच कुमेश का कहना है कि डैम का पानी जब खोला जाता है, तब पानी बस्ती में आ जाता है। यदि भविष्य में कभी डैम को खतरा होता है तो निश्चित तौर पर जनहानि हो सकती है। हल्द्वानी तक इसका प्रभाव हो सकता है। वहीं, नगर पंचायत अध्यक्ष देवेंद्र चनौतिया ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को डैम की दीवार के टूटने के मामले को गंभीरता से लेने और इसकी मरम्मत कराने की मांग की है। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता डीसी पंत ने बताया कि मामला संज्ञान में है। सपोर्टिंग दीवार गिरी है। डैम में पानी कम होने पर इसको बना दिया जाएगा।

Uttarakhand Flood Disaster: चमोली हादसे से संबंधित सभी सामग्री पढ़ने के लिए क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.