बेस अस्पताल हल्द्वानी में टिटनेस की दवाइयों की आपूर्ति बंद, इंजेक्शन लगाए बिना लौट रहे मरीज
बेस अस्पताल में टिटनेस के इंजेक्शन लगने बंद हो गए हैं। इसकी वजह से मरीज परेशान हैं। जबकि छोटी-छोटी दुर्घटना को लेकर भी अक्सर मरीज बेस अस्पताल पहुंचते हैं लेकिन प्राथमिक उपचार में उपयोग होने वाले इंजेक्शन नहीं लगने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है।
हल्द्वानी, जेएनएन : बेस अस्पताल में टिटनेस के इंजेक्शन लगने बंद हो गए हैं। इसकी वजह से मरीज परेशान हैं। जबकि छोटी-छोटी दुर्घटना को लेकर भी अक्सर मरीज बेस अस्पताल पहुंचते हैं, लेकिन प्राथमिक उपचार में उपयोग होने वाले इंजेक्शन नहीं लगने की वजह से मरीजों को लौटना पड़ रहा है।
बेस अस्पताल में टिटनेस की दवाइयां की आपूर्ति देहरादून स्वास्थ्य महानिदेशालय स्तर से ही होती है, लेकिन पिछले दो महीने से दवा की आपूर्ति ठप है। अस्पताल प्रबंधन ने लोकल परेचज के नियमों के तहत बाजार से सीधे दवा खरीद ली। यही वजह था कि मरीजों को इमरजेंसी में इंजेक्शन लग जा रहे थे, लेकिन दो दिन से इंजेक्शन लगना बंद हो गए हैं।
रविवार को बरेली रोड निवासी 28 वर्षीय हरीश गुणवंत के पांव में लोहे की जंजीर से कट लगा गया था, वह टिटनेस का इंजेक्शन लगाने बेस अस्पताल पहुंचे थे, लेकिन दवा नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने निजी अस्पताल की इमरजेंसी में इंजेक्शन लगवाया। यही स्थिति गौलापार से पहुंचे हरेंद्र बिष्ट की थी। हरेंद्र ने बताया कि इतनी दूर से बेस अस्पताल आए , लेकिन यहां भी असुविधाओं से जूझना पड़ रहा है।
मेडिकल स्टोर से खरीद कर लगा रहे इंजेक्शन
बाजार से लोग महंगे दवा खरीदकर इंजेक्शन लगवा रहे हैं। इसकी वजह से गरीब मरीजों की जेब ढीली हो रही है। इसके बावजूद जिम्मेदार अधिकारियों को कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। डा. शैलजा भट्ट, निदेशक स्वास्थ्य कुमाऊं ने बताया कि दवा अब दूसरे नाम से आ रही है। इसकी आपूर्ति भी होने लगी है। अगर बेस अस्सपताल में दवा नहीं आ रही है तो इसके बारे में सीएमओ से जानकारी ली जाएगी।