Move to Jagran APP

सुपरस्‍टार रजनीकांत ने पांडवखोली में महावतार बाबा की गुफा में लगाया ध्‍यान, सादगी से जीता दिल

साउथ के सुपरस्‍टार रजनीकांत ने द्रोणगिरि पर्वतश्रृंखला की हसीन वादियों में पहुंच अलौकिक सौंदर्य का आनंद लिया। उसके बाद पांडवखोली स्थित महावतार बाबा की गुफा तक पैदल मार्च किया।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 17 Oct 2019 04:53 PM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 09:51 AM (IST)
सुपरस्‍टार रजनीकांत ने पांडवखोली में महावतार बाबा की गुफा में लगाया ध्‍यान, सादगी से जीता दिल
सुपरस्‍टार रजनीकांत ने पांडवखोली में महावतार बाबा की गुफा में लगाया ध्‍यान, सादगी से जीता दिल

द्वाराहाट, जेएनएन : काला फिल्म की बड़ी सफलता के बाद महावतार बाबा के अनुयायी एवं दक्षिण फिल्मों के महानायक रजनीकांत अपनी अगली फिल्म दरबार की कामयाबी के लिए एक बार फिर अपने गुरु की अलौकिक गुफा में ध्यानमग्न हुए। 'ऑटो बायोग्राफी ऑफ ए योगी' (योगीकथामृत) पुस्तक को पढऩे के बाद दक्षिण के सुपरस्टार रील लाइफ से इतर वास्तविक जिंदगी में अध्यात्म से लबरेज हो चले हैं। यहां की आबोहवा में एक्शन हीरो रजनीकांत एकदम शांत मुद्रा में आने के बाद मीडिया व प्रशंसकों के सामने मंद मुस्कान और हाथ हिला अभिवादन कर नैनीताल के लिए रवाना हो गए।

loksabha election banner

रूपहले पर्दे के दमदार हीरो रजनीकांत बुधवार देर शाम योगदाआश्रम पहुंचे थे। गुरुवार की सुबह जल्द उठ कर उन्होंने अलौकिक द्रोणगिरि पर्वतश्रंखला की हसीनवादियों की शुद्ध प्राणवायु ली। सौंदर्य को निहारा। फिर दिव्य पांडवखोली स्थित महावतार बाबा की गुफा तक पदयात्रा की, जहां उन्होंने ध्यान लगाया। पिछले वर्ष मार्च के बाद रजनीकांत का यह दूसरा दौरा रहा।

वर्ष 2002 में पहली बार यहां पहुंचे इस मेगास्टार में महावतार बाबा के प्रति श्रद्धा जागी। तब से वह कई बार गोपनीय तरीके से भ्रमण कर गुफा में ध्यान लगा चुके हैं। बुधवार देर शाम योगदा आश्रम के पास ही गुरुशरणम् आश्रम में विश्राम किया। प्रात: करीब साढ़े सात बजे पुत्री ऐश्वर्या, पारिवारिक मित्र बीएस हरी आदि के साथ पुन: योगदा आश्रम पहुंचे। गुरु का प्रसाद ग्रहण कर पुस्तकालय में बैठ किताबें पढ़ी। जायजा लिया।

...और चारों तरफ गूंजा 'थलाइवा थलाइवा'

रजनीकांत दक्षिण ही नहीं पहाड़ में भी 'थलाइवा' नाम से मशहूर हो चले हैं। गुरुवार को बच्चे, युवा व महिलाओं ने फूलमालाओं से किया स्वागत किया। पांडवखोली रवाना होते वक्त  सिनेस्टार रजनीकांत को जब खेतों में काम कर रही महिलाओं ने पहचाना तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। फूलमालाओं से उनका स्वागत किया।

तीन घंटे लगाया ध्यान, फिर ली चाय की चुस्की

गुफा पहुंचकर सिने स्टार ने करीब तीन घंटा ध्यान लगाया। लौटते समय कुकुछीना स्थित जोशी भवन में परिजनों व मित्रों के साथ स्थानीय चाय की चुस्की ली। करीब एक बजे योगदा आश्रम पहुंचे। उसके बाद गुरुशरणम् आश्रम में दिन का भोजन लेकर अपराह्न करीब तीन बजे द्वाराहाट से नैनीताल रवाना हो गए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.