Move to Jagran APP

दस साल में 220 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर बढ़ी गन्ने की उपज, गन्ना किसान हुए मालामाल

दस साल पहले पेराई सत्र 2010-11 में प्रदेश में गन्ने की औसत उपज प्रतिहेक्टेयर 609 क्विंटल थी जो अब बढ़कर 829 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है। गन्ने के अर्ली और ज्यादा उपज देने वाले बीज व किसानों की जागरूकता को इसका कारण माना जा रहा है।

By Prashant MishraEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 04:25 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 04:25 PM (IST)
दस साल में 220 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर बढ़ी गन्ने की उपज, गन्ना किसान हुए मालामाल
नई प्रजाति का गन्ना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है।

जागरण संवाददाता, काशीपुर : गन्ने की उपज में बीते दस साल के दौरान 220 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की वृद्धि हुई है। दस साल पहले पेराई सत्र 2010-11 में प्रदेश में गन्ने की औसत उपज प्रतिहेक्टेयर 609 क्विंटल थी, जो अब बढ़कर 829 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच गई है। गन्ने के अर्ली और ज्यादा उपज देने वाले बीज व किसानों की जागरूकता को इसका कारण माना जा रहा है। उपज के मामले में हरिद्वार के किसान प्रदेश में बेहतर हैं। कुछ अन्य उन्नतशील प्रजातियों पर शोध चल रहा है, जिनके पूरा होने के बाद गन्ने की उपज में और वृद्धि होगी।

loksabha election banner

गन्ना किसानों की उपज दोगुनी करने में सरकारें जुटी हुई हैं। किसानों की उपल बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बात अगर गन्ना विभाग की करें तो गन्ना किसानों की आय बढ़ाने की लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। गन्ना अनुसंधान केंद्र लगातार नई प्रजातियों की खोज में जुटा रहता है। बीते दस साल के दौरान कई नई प्रजातियों का गन्ना खेतों में उतारा गया।

नई प्रजाति का गन्ना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है। बीते दस साल के दौरान प्रतिहेक्टेयर गन्ने की उपज में 220 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर की वृद्धि हुई है। दस साल पहले पेराई सत्र 2010-11 में प्रतिहेक्टेयर गन्ने की औसत उपज 609 क्विंटल हुआ करती थी। उस दौरान गन्ना किसानों की स्थिति बहुत बेहतर नहीं थी। किसानों की समस्या को देखते हुए गन्ना विभाग में अनुसंधान शुरू हुए। एक के बाद एक नए प्रयोग किए गए। जिसके फलस्वरूप पहले से ज्यादा उपज वाली फसलें खेतों तक पहुंचीं। नई फसलों की उपज पुरानी फसलों से कहीं ज्यादा है।

गन्ना एवं चीनी आयुक्त उत्तराखंड हंसा दत्त पांडेय ने बताया कि किसानों की आय बढ़ाने के लिए विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। बीते दस साल के दौरान 220 क्विंटल प्रतिहेक्टेयर गन्ने की उपज बढ़ी है। यह किसानों के साथ-साथ विभाग के लिए अच्छी खबर है।

ऐसे बढ़ा गन्ने की उपज का ग्राफ

पेराई सत्र              उपज प्रति हेक्टेयर क्विंटल में

2010-11            609

2016-17    695

2017-18    706

2018-19    755

2019-20    823

2020-21            829


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.