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गन्‍ने की जैविक खेती ऐसे बढ़ाएगी रोजगार के अवसर, जानिए क्‍या है योजना

रोजगार से जोडऩे के लिए गन्ना विभाग जैविक गन्ने की खेती कराने की तैयारी में जुट गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की बैठक में एक हजार क्विंटल जैविक गन्ना बीज के लिए प्रस्ताव रखेगा।

By Skand ShuklaEdited By: Published: Thu, 13 Dec 2018 07:04 PM (IST)Updated: Thu, 13 Dec 2018 07:04 PM (IST)
गन्‍ने की जैविक खेती ऐसे बढ़ाएगी रोजगार के अवसर, जानिए क्‍या है योजना

काशीपुर, जेएनएन : रोजगार से जोड़ने के लिए गन्ना विभाग जैविक गन्ने की खेती कराने की तैयारी में जुट गया है। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की बैठक में एक हजार क्विंटल जैविक गन्ना बीज के लिए प्रस्ताव रखेगा। मंजूरी मिलने पर गन्ना अनुसंधान केंद्र में बीज तैयार होगा। जैविक खेती के जरिये बाजार में जैविक जूस व गुड़ भी उपलब्ध हो सकेगा। साथ ही राज्य के मैदानी क्षेत्र के तीर्थ स्थलों पर भी इसे मुहैया कराया जाएगा। इससे काफी लोगों को रोजगार मिलेगा और खाने को भी शुद्ध गुड़ व जूस मिल जाएगा।

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राज्य में 92938 हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ने की खेती की गई है। इनमें ऊधमसिंह नगर व नैनीताल में 31989 हेक्टेयर, हरिद्वार में 55700 हेक्टेयर व देहरादून में 5249 हेक्टेयर क्षेत्रफल है। गन्ने का अधिक उत्पादन अधिक लेने के लिए किसान अंधाधुंध रासायनिक खाद व कीटनाशक डालते हैं। इसका असर जूस व गुड़ में रहता है। ऐसी स्थिति में केमिकल युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन सेे कैंसर जैसी बीमारियां हो रही हैं। बदलते परिवेश में जैविक खाद्य पदार्थों की मांग बढ़ती जा रही है। ऐसे में गन्ना विभाग भी जैविक गन्ने की खेती पर जोर देने जा रहा है। इससे लोगों को शुद्ध जूस व गुड़ खाने को मिल सके। तीर्थ स्थलों का भ्रमण करने आने वालों को जैविक गन्ने का जूस मिल सके। इससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा। विभाग गन्ना अनुसंधान केंद्र से जैविक बीज उत्पादन पर ट्रायल के तौर पर प्रोजेक्ट बनाने को कहा तो केंद्र ने प्रोजेक्ट बनाकर विभाग को दे दिया। हालांकि जैविक गन्ने का उत्पादन सामान्य प्रजाति से उत्पादन कम होगा। जैविक गन्ने की खेती को लेकर केंद्र के वैज्ञानिक भी उत्साहित हैं। एक हजार ङ्क्षक्वटल गन्ने का बीज तैयार करने में करीब 60 लाख खर्च होगा। जैविक खाद, कीड़े मारने व बीमारी रोकना होगा। बीज तैयार होने में तीन साल का समय लगेगा।

जैविक खेती में उत्‍पादन सामान्‍य से कम होगा

डॉ. संजय कुमार, सहायक निदेशक, गन्ना अनुसंधान केंद्र काशीपुर ने बताया कि एक हजार क्विंटल गन्ने की बुवाई ढाई हेक्टेयर में की जाएगी। यहां पर गन्ने का उत्पादन 650 से 700 क्विंटल प्रति हेक्टेेेयर है। जैविक खेती में उत्पादन सामान्य से कम होगा। हालांकि यह ट्रायल प्रोजेक्ट है। बीज तैयार करने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।

छोटो किसान भी जुड़ सकेंगे

चंद्र सिंह इमलाल, संयुक्त आयुक्त, गन्ना ने बताया कि आरकेवीआइ में प्रस्ताव रखा जाएगा। जैविक गन्ने की खेती से लोगों को शुद्ध जूस व गुड़ मिल जाएगा। साथ ही छोटे-छोटे किसान कोल्हू के जरिये गुड़ बना सके। लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।

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