एसटीएच का होगा ऑडिट, हर गैप को भरने के लिए बनेगी रणनीति, चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने किया अस्पताल का दौरा
पत्रकारों से मुखातिब निदेशक रविशंकर ने कहा कि अस्पताल का पूरा प्रोफेशनल ऑडिट करने की जरूरत है। हमें यह देखना है कि कहां-कहां कमियां हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के मुताबिक कहां-कहां कमियां हैं। ऑडिट से कमियों का पता चल जाएगा।
जागरण संवाददाता, हल्द्वानी : डा. सुशीला तिवारी राजकीय चिकित्सालय की कमियों को दूर करने के लिए ऑडिट होगा। इसके लिए व्यापक स्तर पर निरीक्षण किया जाएगा। पूरी रिपोर्ट का अध्ययन किया जाएगा। इसके बाद हर गैप भरने की प्रक्रिया होगी। शनिवार को चिकित्सा शिक्षा निदेशक सी रविशंकर ने अस्पताल का दौरा करते हुए कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
निदेशक ने सबसे पहले ओपीडी कक्ष, डायलिसिस, ट्रामा सेंटर के बाद पीआइसीयू का निरीक्षण किया। इसके बाद पत्रकारों से मुखातिब निदेशक रविशंकर ने कहा कि अस्पताल का पूरा प्रोफेशनल ऑडिट करने की जरूरत है। हमें यह देखना है कि कहां-कहां कमियां हैं। नेशनल मेडिकल कमीशन के मानकों के मुताबिक कहां-कहां कमियां हैं। इस ऑडिट से इफ्र्ास्ट्रक्चर, मेनपावर आदि की कमियों का पता चल जाएगा। इसके बाद इस पर शासन स्तर पर निर्णय लिया जाएगा। प्रत्येक गैप को सही तरीके से भरने का काम किया जाएगा। इस दौरान अपर निदेशक डा. आशुतोष सयाना, एमएस डा. वीके सत्यवली, आलोक उप्रेती, पंकज बोरा, चंद्रशेखर गुरुरानी, एलएम भट्ट आदि शामिल रहे।
उपनलकर्मियों के मामले में जल्द होगा निर्णय
एसटीएच में उपनल कर्मियों की हड़ताल और उनकी समस्याओं को लेकर पूछे जाने पर निदेशक का जवाब था, इस मामले में शासन स्तर पर विचार-विमर्श चल रहा है। जल्द ही इस पर निर्णय हो जाएगा। समस्या का समाधान हो जाएगा।
सितंबर आखिर तक सीलन वाली जगह ठीक करा लें
निदेशक अस्पताल की दीवारों में आए सीलन को देखा। इसके लेकर कहा कि कॉलेज प्रशासन को 20 सितंबर तक सीलन की समस्या को दूर करने को कहा गया है। इसके बाद वह फिर निरीक्षण को पहुंचेंगे।
कोरोना को लेकर तैयार करने हैं बेड
चिकित्सा शिक्षा निदेशक सी रविशंकर का कहना है कि हमें भारत सरकार की ओर ग्रांट मिल रही है। इसी के तहत हमें पहले 42 बेड का आइसीयू बनाना है। इसके बाद फिर 30 बेड का आइसीयू बनाया जाएगा। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। जल्द ही मरीजों का इसका लाभ मिलने लगेगा।